राजस्थान में अक्टूबर तक सरसों बुवाई का 46 प्रतिशत एरिया कवर. (सांकेतिक तस्वीर)सरसों-राई रबी सीजन की प्रमुख तिलहन फसल है. भारत में बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन किया जाता है. सरसों के प्रमुख उत्पादक राज्यों में शामिल राजस्थान में रबी सीजन में सबसे ज्यादा सरसों की खेती की जाती है. इस चालू सीजन में सरकार ने राजस्थान में 40.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सरसों की बुवाई का लक्ष्य रखा है, जिसमें से अक्टूबर के अंत तक लगभग 18.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र यानी 46 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है. राजस्थान कृषि विभाग ने चालू रबी 2024-25 फसल सत्र के लिए सरसों बुवाई पर आंकड़े जारी कर अपडेट दिया है.
'बिजनेसलाइन' की रिपोर्ट के मुताबिक, इस चालू सीजन 2024-25 में सरसों बुवाई का लक्षित क्षेत्र बढ़ाया गया है. इस बार 40.50 लाख हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य है, जबकि पिछले सीजन में 40.01 लाख हेक्टेयर लक्षित क्षेत्र था. पिछले साल इसी अवधि के दौरान 22 लाख हेक्टेयर में फसल बुवाई हो चुकी थी, जो इस साल कम रही. हालांकि, बुवाई का लक्षित क्षेत्र लगातार कवर किया जा रहा है.
वर्तमान में राजस्थान में अन्य फसलों की बुवाई का हाल देखें तो 7.25 लाख हेक्टेयर में चना की बुवाई की जा चुकी है. इस बार यहां कुल 22.50 लाख हेक्टेयर में चना की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अक्टूबर के अंत तक लगभग एक तिहाई है क्षेत्र कवर किया जा चुका है.
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वहीं, यहां रबी दलहन सीजन के लिए 22.87 लाख हेक्टेयर बुवाई क्षेत्र निर्धारित किया गया है, जिसमें से करीब 7.29 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई हो चुकी है. इसके अलावा, यहां गेहूं और जौ की लगभग 55,845 हेक्टेयर में बुवाई हुई है, जो सीजन के लिए निर्धाारित लक्ष्य- 35.81 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से बहुत कम है. अभी सिर्फ 1.56 प्रतिशत ही बुवाई हुई है.
अक्टूबर के आखिर तक 45,520 हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई है. सरसों उत्पादन में राजस्थान शीर्ष पर है. इसके बाद उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और गुजरात में इसका सबसे ज्यादा उत्पादन होता है. सरसों की बुवाई अक्टूबर से दिसंबर के दौरान की जाती है और फरवरी से मार्च के दौरान फसल काटी जाती है.
इस साल मॉनसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है, जिससे जलाशयों में पानी बढ़ा हुआ है. ऐसे में यह साल रबी फसल सत्र के लिए काफी अच्छा माना जा रहा है. मिट्टी में ज्यादा नमी और सिंचाई के लिए अच्छा जल भंडारण होने से पूरे देश में किसान रबी फसलों का रकबा बढ़ा सकते हैं.
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