पंजाब सरकार का फैसला: बारिश से धान की फसल बर्बाद होने पर किसानों को मिलेगा 6,800 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा

पंजाब सरकार का फैसला: बारिश से धान की फसल बर्बाद होने पर किसानों को मिलेगा 6,800 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा

पंजाब सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने ऐलान किया है कि जिन किसानों की धान की फसल बारिश और बाढ़ से बर्बाद हो गई है, उनकी फसल के लिए सरकार 68000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देगी. किसान इस मुआवजे का फायदा फसल नुकसान के लिए उठा सकते हैं.

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पंजाब सरकार का फैसला: बारिश से धान की फसल बर्बाद होने पर किसानों को मिलेगा 6,800 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ाधान की फसल के नुकसान का मुआवजा देगी पंजाब सरकार (फोटो साभार-India Today/PTI)

पंजाब सरकार ने फैसला किया है कि उन सभी किसानों को मुआवज़ा दिया जाएगा जिनकी धान के फसल के अंकुर जुलाई में आई फ्लैश फ़्लड में बर्बाद हो गए. 'द ट्रिब्यून' की एक खबर के अनुसार, किसानों को इस क्षति के लिए उन्हें 6,800 रुपये प्रति एकड़ दिया जाएगा. समान्यतः भारत सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष और राष्ट्रीय आपदा कोष के माध्यम से जो भी मदद किसानों को देती रही है, उसमें फसल के अंकुर के नष्ट होने पर मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं रहा है. यह पहली बार है कि पंजाब सरकार फसल की नई पौध के नुकसान को किसानों का नुकसान मान रही है, जैसा कि वहां के राजस्व मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा ने 'द ट्रिब्यून' को बताया.

पिछले महीने जब केंद्र से एक अंतर मंत्रालयी टीम पंजाब की स्थिति का जायजा लेने और बारिश से हुई क्षति का आकलन करने आई थी तो पंजाब सरकार ने यह मांग रखी थी कि आपदा प्रतिक्रिया कोष से उन सभी किसानों को दोहरा मुआवज़ा दिया जाए जो इस अप्रत्याशित बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. लेकिन सूत्रों के अनुसार इसकी इजाज़त नहीं दी गई, इसलिए राज्य सरकार निर्धारित मानदंडों के तहत ही मुआवज़ा दे रही है.

इन जिलों में शुरू हुआ राहत वितरण

जालंधर, लुधियाना, मोगा, मोहाली, पटियाला, पठानकोट, रोपड़ और संगरूर जिलों में राहत वितरण का काम शुरू भी हो गया है. जुलाई माह में फ्लैश फ़्लड से प्रभावित ज़िलों में 103 करोड़ रुपये का बतौर मुआवज़ा भुगतान किया जा चुका है जबकि अगस्त में 86 करोड़ की राशि इसी उद्देश्य से रिलीज़ की जा चुकी है. बहुत से गांव अब भी पानी में डूबे हुए हैं इसलिए यह क्षति का आकलन पूरी तरह से नहीं हो सका है.

सात जुलाई से बारह जुलाई तक आई अप्रत्याशित फ्लैश फ़्लड से करीब 6.25 लाख एकड़ में लगी धान की नई फसल जलमग्न हो गई थी और 2.75 लाख एकड़ में धान की दोबारा रोपाई करनी पड़ी.

बहरहाल, क्षतिग्रस्त गेंहू की फसल के लिए कोई मुआवज़ा नहीं दिया गया है. रबी के मौसम के दौरान मार्च में ओलावृष्टि से सैकड़ों एकड़ गेंहू की तैयार फसल बर्बाद हो गई थी. सरकार ने उस वक्त आपदा प्रतिक्रिया कोष से मदद देने का वायदा किया था, लेकिन अब तक कोई मदद प्रदान नहीं की गई है. सूत्रों की मानें तो राज्य की एग्ज़ीक्यूटिव समिति ने मुआवजे की मांग को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि गेहूं की फसल तो बंपर हुई है. इसका मतलब है कि किसानों को बहुत नुकसान नहीं हुआ है.

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