महाराष्ट्र सरकार हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों और नागरिकों के बैंक खातों में अगले तीन से चार दिनों में वित्तीय सहायता ट्रांसफर कर देगी, एक वरिष्ठ अधिकारी ने ये जानकारी दी है. अधिकारी ने बताया कि बारिश और बाढ़ के कारण राज्य भर में लगभग 60 लाख हेक्टेयर में फैली फसलें बर्बाद हो गई हैं. पिछले सप्ताह हुई मूसलाधार बारिश और बाढ़ से राज्य के बड़े हिस्से में लाखों एकड़ भूमि पर लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है, जिसमें मराठवाड़ा क्षेत्र के 8 जिले, पश्चिमी महाराष्ट्र के सोलापुर, सतारा और सांगली शामिल हैं.
राहत एवं पुनर्वास विभाग की प्रमुख सचिव विनीता सिंघल ने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है कि अगले तीन से चार दिनों के भीतर प्रभावित लोगों के बैंक खातों में मुआवजा हस्तांतरित हो जाए. उन्होंने कहा कि बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित लोगों को समय पर वित्तीय राहत प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशों के अनुसार प्रक्रिया में तेजी लाई गई है. इससे पहले मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार बारिश और बाढ़ से राज्य में 60 लाख हेक्टेयर भूमि को नुकसान पहुंचा है और सरकार ने प्रभावित लोगों को सूखे के दौरान आमतौर पर प्रदान किए जाने वाले सभी लाभ और उपाय प्रदान करने का निर्णय लिया है. उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि दिवाली (जो 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी) से पहले उन्हें उनके बैंक खातों में राहत मुआवजा मिल जाएगा.
वहीं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इससे पहले मंगलवार को कहा था कि भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ से राज्य के कुछ हिस्सों में 60 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचने का अनुमान है और किसानों को वित्तीय सहायता देने के बारे में अगले कुछ दिनों में निर्णय लिया जाएगा. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा कि हम किसानों की मदद करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाएंगे. हमारा मानना है कि किसानों की मदद करते समय नियमों और मानदंडों को अलग रखना चाहिए और उनके पीछे खड़ा होना चाहिए. जब भी ऐसा नुकसान होता है, तो ऐसी आपदा में लोगों की मदद करना सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि बारिश से न सिर्फ़ फ़सलें बर्बाद हुई हैं, बल्कि बाढ़ के कारण खेतों की उपजाऊ मिट्टी भी बह गई है. खेत और घर भी प्रभावित हुए हैं. (सोर्स- PTI)
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