महाराष्ट्र में हालिया भारी बारिश और बाढ़ से खरीफ फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. राज्य के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने बुधवार को बताया कि करीब 20.12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है. भरणे ने वाशिम और नांदेड़ जिलों का दौरा कर हालात का जायजा भी लिया. उन्होंने बताया कि शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, इन दोनों जिलों में ही 4.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें प्रभावित हुई हैं, जहां करीब 350 गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने रहे. मंत्री ने कहा कि इस आपदा में जानमाल का नुकसान भी हुआ है.
कृषि मंत्री ने बताया कि वाशिम और नांदेड़ के किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जबकि यवतमाल, बुलढाणा, अकोला, सोलापुर, हिंगोली,धाराशिव, परभणी, अमरावती और जलगांव जिलों की फसलें भी प्रभावित हुई हैं. भरणे ने बताया कि सोयाबीन, मक्का और कपास की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं हैं.
इसके अलावा फलों की बागवानी, बाजरा, गन्ना, प्याज, ज्वार और हल्दी की फसलें भी बारिश-बाढ़ से नुकसान पहुंचा है. राज्य सरकार ने राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों की मदद से नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है. मंत्री ने भरोसा दिलाया कि किसानों को तुरंत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि उन्हें राहत मिल सके.
वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने राज्य में विभिन्न जगहों पर बाढ़-भारी बारिश से फसल बर्बाद होने पर सीएम देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा. सपकाल ने सीएम से आग्रह किया कि वे ‘अतिवृष्टि’ की घोषणा कर किसानों को तत्काल मुआवजा दें. उन्होंने किसानों को 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की मांग उठाई.
मालूम हो कि राज्य में कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं. साथ ही डैम, तालाब, नदी उफान पर हैं. नासिक जिले में भारी बारिश के बाद बांधों में पानी का स्तर काफी बढ़ गया है. बुधवार तड़के से लगातार हो रही बारिश के कारण शहर को पेयजल आपूर्ति करने वाले गंगापुर बांध सहित जलाशयों में जल स्तर बढ़ गया है.
इसके परिणामस्वरूप बांध से नासिक शहर से होकर बहने वाली गोदावरी नदी में पानी छोड़ा गया. जिले की एक अन्य महत्वपूर्ण नदी, डरना का जल स्तर भी काफी बढ़ गया है. वहीं, भारी बारिश के कारण रामकुंड और गोदा घाट क्षेत्रों में छोटे मंदिर जलमग्न हो गए. प्रसिद्ध दुतोंद्या मारुति की मूर्ति आंशिक रूप से जलमग्न हो गई. (पीटीआई)
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