`कूद जाऊंगा,फांद जाऊंगा..` प्याज के भाव हुए इतने कम, किसानों ने कर दिया `वीरू स्टाइल` का आंदोलन

`कूद जाऊंगा,फांद जाऊंगा..` प्याज के भाव हुए इतने कम, किसानों ने कर दिया `वीरू स्टाइल` का आंदोलन

किसानों ने मंडी में पानी की टंकी पर चढ़कर शोले स्टाइल में आंदोलन किया. किसानों ने मंडी में प्याज के खरीद दाम को बढ़ाने और एक्स्पोर्ट ड्यूटी खत्म करने की मांग की है. आंदोलन के बाद प्याज किसानों का मुद्दा महाराष्ट्र के बजट सेशन में भी उठा. पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने किसानों के इस मुद्दे को सदन में उठाया.

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`कूद जाऊंगा,फांद जाऊंगा..` प्याज के भाव हुए इतने कम, किसानों ने कर दिया `वीरू स्टाइल` का आंदोलनप्याज के दाम में गिरावट

नासिक के की लासलगांव कृषि उपज मंडी में प्याज किसानों ने नीलामी रोक दी है. प्याज के दाम को लेकर किसानों में भारी रोष देखा जा रहा है. कम दाम के विरोध में किसानों ने सोमवार को मंडी में नीलामी रोक दी. साथ ही किसानों ने प्याज के एक्स्पोर्ट पर लगे 20 परसेंट निर्यात शुल्क को हटाने की मांग उठाई. सोमवार को मंडी में किसानों को 10-12 रुपये किलो का दाम मिल रहा था जिससे वे नाराज हो गए और नीलामी रोक दी.

इतना ही नहीं, किसानों ने मंडी में पानी की टंकी पर चढ़कर शोले स्टाइल में आंदोलन किया. किसानों ने मंडी में प्याज के खरीद दाम को बढ़ाने और एक्स्पोर्ट ड्यूटी खत्म करने की मांग की है. आंदोलन के बाद प्याज किसानों का मुद्दा महाराष्ट्र के बजट सेशन में भी उठा. पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने किसानों के इस मुद्दे को सदन में उठाया. उन्होंने कहा कि किसान सहकारी मंत्री से नाराज हैं. बाद में इस मुद्दे पर प्रदेश के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे और छगन भुजबल के बीच बात हुई. किसानों के साथ आंदोलन में प्रहार संघटन के कार्यकर्ता भी शामिल हैं.

विधानसभा में उठा प्याज का मुद्दा

आज महाराष्ट्र विधानसभा में बजट सत्र के दौरान पक्ष और विपक्ष में किसानों के मुद्दे पर बहस हुई. विपक्ष के नेताओं ने किसानों की समस्याओं से जल्द छुटकारा दिलाने की मांग की. इसके बाद सरकार ने विपक्ष की बात मानते हुए इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से बात करने की बात कही. कृषि मंत्री काकाटे ने विपक्ष के माध्यम से किसानों को आश्वासन दिया कि वे वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से इस बारे में बात करेंगे और प्याज पर लगी एक्सपोर्ट ड्यूटी को खत्म करने की मांग करेंगे. कोकाटे के इस बयान के बाद किसानों ने इसे आश्वासन माना और नीलामी को दोबारा शुरू कर दी.

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किसानों ने मांग उठाई है कि मंडियों में प्याज का भाव 25 रुपये किलो तक मिले. अगर इस रेट पर प्याज नहीं बिकता है तो किसान दोबारा आंदोलन करेंगे. किसानों ने कहा है कि सरकार मंडियों में बिक्री मूल्य को सुधारने पर ध्यान दे ताकि किसानों को अधिक से अधिक फायदा हो. मंडियों में अभी रेट 10-12 रुपये किलो मिल रहा है जबकि किसान इससे दोगुने की मांग कर रहे हैं.

नेफेड के जरिये हो प्याज की खरीद

किसानों ने कहा कि सरकार नेफेड और एनसीसीएफ जैसी एजेंसियों से मंडी में प्याज की खरीद कराए. इस खरीद में किसानों को प्रति किलो 25 रुपये का भाव मिले. इस भाव से कम पर उनकी लागत नहीं निकलेगी. अगर ऐसा नहीं होता है तो किसान प्याज की खेती से मुंह मोड़ लेंगे. फिर आगे चलकर प्याज के निर्यात और घरेलू सप्लाई में भी दिक्कत आएगी. किसानों ने मांग उठाई कि सरकारी एजेंसियों के जरिये ही मंडियों में प्याज की खरीद की जाए और इसमें प्राइवेट व्यापारियों को किसी तरह की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.(प्रवीण ठाकरे का इनपुट)

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