धनिया का सही दाम नहीं मिलने पर किसान ने सड़क पर फेंका, 1000 के बदले 50 रुपये तक गिरा भाव

धनिया का सही दाम नहीं मिलने पर किसान ने सड़क पर फेंका, 1000 के बदले 50 रुपये तक गिरा भाव

जालना के किसानों ने इस बार अच्छे दाम की उम्मीद में धनिया की खेती. लेकिन दाम इतना गिर गया है कि वे परेशान हैं. पिछले साल एक बोरी धनिया पत्ता का भाव 1200 रुपये मिला था, लेकिन इस बार व्यापारी 50 रुपये ऑफर कर रहे हैं. इससे किसान ने पूरी उपज को सड़क पर फेंक दी.

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धनिया का सही दाम नहीं मिलने पर किसान ने सड़क पर फेंका, 1000 के बदले 50 रुपये तक गिरा भावजालना के किसान ने सड़क पर फेंका धनिया

महाराष्ट्र के जालना में धनिया को उचित दाम नहीं मिलने के कारण किसान ने अपनी पूरी उपज को सड़क पर फेंक दिया. पिछले साल यहां साल सब्जियों को अच्छे दाम मिले थे. इसलिए, जालना जिले के कई किसानों ने इस साल भी सब्जी की खेती की. इसमें धनिया की भी खेती की गई. हालांकि, इस साल जालना के बाजार में सब्जियों की आवक बढ़ने से सस्ते दाम मिल रहे हैं. सप्लाई बढ़ गई है जबकि मांग कम है. इसलिए दाम बहुत नीचे चले गए हैं. धनिया पत्ता का भी यही हाल है. 

जालना जिले के वाटूर गांव के किसान अंबादास तुकाराम माने शुक्रवार को अपना धनिया बाजार में बेचने के लिए लाए थे. बाजार में एक व्यापारी ने उनसे पचास रुपये में एक बोरी धनिया मांगा. धनिया को उचित मूल्य न मिलने के कारण उन्होंने आपना धनिया रास्ते पर फेंक दिया. इस धनिया की कीमत एक हजार रुपये थी, उसे सिर्फ 50 रुपये मांगने से किसान अंबादास माने परेशान हो गए और उन्होंने अपना धनिया सड़क पर फेंक दिया. कृषि उपज को उचित बाजार मूल्य न मिलने से जालना जिले के किसान परेशान दिखाई दे रहे हैं. किसान अपनी उपज को योग्य बाजार मूल्य मिलने की मांग कर रहे हैं.

सब्जियों की खेती में घाटा

जालना में हालांकि धनिया या अन्य पत्तेदार सब्जियों की खेती कम होती है. लेकिन पिछले साल अच्छा भाव मिलने से किसानों ने इस साल भी बंपर खेती की थी. इस बार खेती अधिक हो गई जिससे बाजार में आवक ज्यादा हो गई. इससे धनिया के दाम में भारी गिरावट है. वैसे तो जालना जिला कपास, सोयाबीन और चने की खेती के लिए जाना जाता है. यहां नींबवर्गीय फसलों में मौसंबी की खेती बहुत अधिक होती है. साथ ही अंगूर की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है. लेकिन कुछ किसानों ने पत्तेदार सब्जियों की खेती भी शुरू की है.

दरअसल, पिछले साल जालना में पत्तेदार सब्जियों के भाव अच्छे मिले थे. इसी उम्मीद में किसानों ने इस बार भी सब्जियों की खूब खेती की. यहां तक कि फल लगाने वाले किसानों ने भी सब्जियों की खेती की. इससे पूरे जालना में सप्लाई अधिक हो गई जबकि मांग उतनी नहीं है. यही वजह है कि धनिया जैसी सब्जियों के भाव नीचे चले गए हैं. इसी क्रम में बाजार में एक व्यापारी ने एक बोरी धनिया के लिए मात्र 50 रुपये ऑफर किया जिससे किसान अंबादास नाराज हो गए और उन्होंने सड़क पर उपज फेंक दी.

इस बार नहीं मिला भाव

इस पूरे इलाके में पिछले साल अकाल पड़ा था. अकाल की स्थिति में किसानों ने सब्जियों की खेती की क्योंकि उसमें पानी की जररूत कम होती है और 4-5 महीने में तैयार हो जाती है. पिछले साल यहां पानी की घोर कमी थी. जलाशय सूख गए थे और भूजल स्तर बहुत नीचे चला गया था. इसमें किसानों को सब्जियों की खेती फायदेमंद लगी. लेकिन मामला उलटा पड़ गया. पिछले साल तो कुछ अच्छे भाव मिल गए, लेकिन इस बार बिल्कुल ही कीमत नहीं है. इससे परेशान किसान अब सड़कों पर उपज फेंक रहे हैं.(गौरव साली की रिपोर्ट)

 

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