हाल ही में संपन्न हुए चुनाव के दौरान भाजपा ने किसानों को धान की एमएसपी पर खरीद की गारंटी और बोनस देने सहित तमाम चुनावी वादे किए थे. भाजपा ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए इन वादों को 'मोदी की गारंटी' बताते हुए जनता से सरकार बनने पर प्राथमिकता के साथ पूरा करने का भी वचन दिया था. चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीतने के बाद भाजपा की डॉ मोहन यादव सरकार ने किसानों से किए इन वादों काे पूरा करना शुरू कर दिया है. इस बीच किसान संगठन भी नवगठित सरकार पर किसानों से किए वादे एवं उनकी लंबित मांगों को पूरा करने का दबाव बनाने के लिए सक्रिय हाे गए हैं. राज्य के किसान नेताओं ने नए सीएम मोहन यादव से मुलाकात कर अगले कुछ महीनों में होने वाले लोकसभा चुनाव की याद दिलाते हुए किसान कल्याण से जुड़े काम प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की मांग की है.
सीएम मोहन यादव ने 13 दिसंबर को शपथ ग्रहण करने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक कर तेंदूपत्ता की कीमत में इजाफा करने का पहला चुनावी वादा पूरा करने का फैसला किया. सरकार की ओर से बताया गया कि किसान कल्याण से जुड़े पहले चुनावी वादे के रूप में कैबिनेट ने तेंदूपत्ता की खरीद 4000 रुपये प्रति मानक बोरा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
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नई सरकार के कामकाज संभालते ही किसानों ने भी सरकार पर अपनी लंबित मांगों को पूरा करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है. इस कड़ी में किसान महापंचायत की एमपी इकाई के प्रदेश अध्यक्ष राजेश धाकड़ ने सीएम डॉ यादव से मुलाकात कर एमएसपी की गारंटी देने सहित अन्य लंबित मांगों को पूरा करने की मांग की. धाकड़ ने सीएम से कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के उपायों को लागू करने के लिए किसान महापंचायत पूरे देश में आंदोलन कर रहीं हैं.
उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज को खरीदने की गारंटी का कानून बनाने की मांग को प्रमुखता से पूरा करने की मांग की. इस दौरान उन्होंने सीएम को किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट द्वारा लिखित पुस्तक ''कौन देगा एमएसपी'' सीएम को भेंट की. संगठन का दावा है कि इस पुस्तक में किसान कल्याण से जुड़ी उन मांगों का जिक्र किया गया है, जिन्हें पूरा करने पर पूरे देश में किसानों का हित होगा.
धाकड़ ने कहा कि उन्होंने सीएम से भाजपा के वादे के अनुरूप किसान मित्र योजना को लागू करने और गेहूं धान की एमएसपी पर बोनस के साथ खरीद करने के वादे को भी पूरा करने की ओर ध्यान आकृष्ट किया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने खेत पर किसानों को ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए अनुदान देने से जुड़ी किसान मित्र योजना को तत्काल लागू करने से ही किसानों को इस सीजन में इसका उचित लाभ मिल पाएगा. साथ ही गेहूं की 2700 रुपये प्रति कुंतल और धान की 3100 रुपये प्रति कुंतल की दर से खरीद करने का चुनावी वादा लागू करने की मांग की.
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धाकड़ ने कहा कि गेहूं और धान की एमएसपी पर खरीद करने सहित किसानों से किए गए अन्य वादों के कारण ही किसान महापंचायत ने एमपी के चुनाव में भाजपा का समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि एमपी की भाजपा सरकार अगर अगले कुछ महीनों में इन वादों को पूरा कर जमीन पर लागू कर देगी तो उनका संगठन लोकसभा चुनाव में भी भाजपा का समर्थन करेगा.
यह बात दीगर है कि राजस्थान में किसान महापंचायत ने कांग्रेस का समर्थन किया था. संगठन के मुखिया रामपाल जाट ने दलील दी थी कि कांग्रेस ने राजस्थान में एमएसपी की गारंटी देने का वादा किया था, इसलिए किसानों की इस मांग को जो भी दल पूरा करेगा संगठन उसी दल का समर्थन करेगा. अगर भाजपा इस मांग को पूरा करती है, तो संगठन को चुनाव में भाजपा का समर्थन करने में कोई दिक्कत नहीं है.
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