झारखंड में मोटे अनाज के उपभोग और इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. मोटे अनाज के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इसे और भी स्वादिस्ट बनाकर लोगों के सामने परोसा जा रहा है ताकि लोग इसे चाव से खा सके. मोटे अनाज के खान-पान को बढ़ावा देने के लिए झारखंड में कृषि विज्ञान केंद्र भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इसके तहत कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा रेसिपी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र गुमला विकास भारती बिशनपुर ने भी बिशनपुर पंचायत भवन में रेसीपी प्रतियोगिता का आयोजन किया.
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बिशनपुर प्रखंड की प्रखंड प्रमुख राजलक्ष्मी ने किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिता के जरिए किसानों में जागरुकता आएगी जिससे मोटे अनाज के उत्पादन के साथ-साथ उसके उपयोग के लिए बाजार तैयार होगा और और इसकी सामग्री तैयार कर महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी होगी साथ ही साथ कुपोषण की समस्या से भी निजात मिलेगी. वहीं कार्यक्रम में बिशनपुर प्रखंड के अंचलाधिकारी धनंजय पाठक ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां के किसानों के द्वारा मोटा अनाज बड़े पैमाने पर किया जाता है साथ ही यहां की महिलाएं उन उत्पादों के द्वारा विभिन्न प्रकार के व्यंजन भी बनाती हैं.
पर बीते कुछ समय से इसकी इसकी खेती पर कम ध्यान दिया गया इसके कारण मोटे अनाज के उत्पादन में कमी आई है साथ ही इसके इस्तेमाल को भी अनदेखा किया गया है. यही कारण है कि आज इसके इस्तेमाल के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए रेसीपी प्रतियोगिता का आयोजन करना पड़ रहा है. लेकिन अब मोटा अनाज एवं मोटे अनाज से बनी हुई वस्तुओं या खाद्य पदार्थ की मांग बढ़ रही है जिसको देखते हुए आज यह जरूरी हो गया है कि हम मोटे अनाज को ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाएं और बाजार के अनुरूप अपने को ढालने का प्रयास करें.
उन्होंने कहा कि यहां की महिलाएं आज मोटा अनाज से विभिन्न प्रकार की खाद्य पदार्थ बनाकर बाजारों में बेच रही जिससे उनकी कमाई बढ़ी है. विकास भारती के संयुक्त सचिव महेंद्र भगत ने महिलाओं को संबोधित करते हुए बताया कि जहां हम पुराने समय में इस प्रकार के अनाजों की भरमार थी लेकिन धान एवं गेहूं की उपयोगिता बढ़ने के कारण इनका क्षेत्रफल भी कम हुआ एवं उनके उपयोग में भी कमी आई है. पर अब इसकी खासियत को देखते हुए जहां किसानों में जागरूकता बड़ी है वहीं महिलाओं के द्वारा विभिन्न प्रकार की रेसिपी भी तैयार कर रही हैं और उसका उपयोग भी हो रहा है.
डॉक्टर संजय कुमार ने महिलाओं को संबोधित करते हुए बताया कि इस प्रकार की रेसिपी का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र तीन प्रखंडों में करेगा साथ ही साथ कृषि विज्ञान केंद्र महिलाओं के द्वारा उत्पादित विभिन्न सामग्रियों के बाजार हेतु विभिन्न संगठनों एवं विभागों के माध्यम से इन्हें बाजार सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा. जिससे मोटे अनाज का उत्पादन बड़े एवं उसकी उपयोगिता में भी वृद्धि हो सकेगी. कार्यक्रम में 65 प्रकार व्यंजन महिलाओं के द्वारा बनाया गया था जिसे प्रदर्शित किया गया.
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