गुजरात में बारिश से चौपट फसलें, किसानों को बड़ा नुकसान (सांकेतिक तस्वीर)गुजरात सरकार के एक ऐलान ने लाखों किसानों को राहत दी है. सरकार ने घोषणा की है कि वह 9 नवंबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर मूंगफली, मूंग, उड़द और सोयाबीन की खरीद शुरू करेगी. कृषि मंत्री जीतू वघानी ने इस बारे में ऐलान करके उन तमाम किसानों को एक तरह से गुड न्यूज दी है जो बारिश के चलते चौपट हुई खरीफ फसलों को लेकर सरकार से उम्मीद लगाए हुए थे. इस बार महाराष्ट्र की तरह ही गुजरात के किसानों को भी बेमौसमी बारिश ने जमकर परेशान किया है.
राजधानी गांधीनगर में मीडिया से बात करते हुए कृषि मंत्री जीतू वघानी ने कहा कि मौजूदा खरीफ सीजन के दौरान किसानों की मदद के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में यह फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को उनकी उपज का 'सही और फायदेमंद मूल्य हासिल हो सके. और साथ ही उन्हें आर्थिक सुरक्षा भी मिले.
वघानी ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत '15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत पर मूंगफली, सोयाबीन, उड़द और मूंग की खरीद करने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस साल राज्य में मूंगफली की अच्छी-खासी पैदावार को देखते हुए प्रति किसान 125 मन तक मूंगफली खरीदने का फैसला लिया है. 300 से ज्यादा खरीद केंद्र नोटिफाइड किए गए हैं और जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी.
वघानी ने कहा कि यह पहल किसानों को कम बाजार भाव पर अपनी फसल बेचने से बचाएगी. साथ ही मौसम से होने वाले नुकसान से प्रभावित मौसम के दौरान उनकी आय में स्थिरता लाएगी. केंद्र सरकार ने बुवाई से पहले खरीफ फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा की थी. इस ऐलान के तहत मूंगफली 7,263 रुपये प्रति क्विंटल, मूंग 8,768, रुपये, उड़द 7,800 रुपये और सोयाबीन 5,328 रुपये प्रति क्विंटल पर है. वघानी के अनुसार, पिछले साल की तुलना में मूंगफली के एमएसपी में 480 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द के एमएसपी में 400 रुपये और सोयाबीन के एमएसपी में 436 रुपये का इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि इस बढ़ोतरी से किसानों को काफी लाभ होगा.
सरकार की तरफ से यह ऐलान भारी और बेमौसमी बारिश के कारण राज्य भर में खड़ी फसलों को हुए नुकसान के बाद किया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि अरब सागर के ऊपर एक कमजोर चक्रवाती तूफान से हुई बेमौसम बारिश ने सौराष्ट्र, उत्तर और मध्य गुजरात में कटाई के दौरान फसलों को नुकसान पहुंचाया. सरकार के शुरुआती आकलन के अनुसार, प्रभावित क्षेत्र लगभग 30.92 लाख हेक्टेयर है. करीब 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है और 249 तालुकाओं के करीब 16,000 गांवों में फसलें प्रभावित हुई हैं. मुख्यमंत्री ने प्रभावित जिलों का दौरा किया और तेज सर्वे के निर्देश दिए.
भावनगर और अमरेली जिलों के कई किसान समूहों ने नुकसान की गंभीरता पर चिंता जताई और तुरंत राहत की मांग की. रेवेन्यू ऑफिसेज के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए हैं जहां किसानों ने समय पर मुआवजा और एमएसपी पर खरीद की मांग की है. देवभूमि द्वारका में, हाल ही में एक किसान ने फसल नुकसान और कर्ज से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी. इस घटना के बाद विरोध प्रदर्शन हुए और तुरंत मदद की मांग की गई. मूंगफली गुजरात में खरीफ की मुख्य फसल है. अमरेली, जूनागढ़ और जामनगर सहित सौराष्ट्र के जिलों में इसकी खेती खासतौर पर होती है. मंडियों में इसकी आवक शुरू हो गई है और कीमतें एमएसपी के करीब हैं. उत्तर और मध्य गुजरात के कुछ हिस्सों में दालें और सोयाबीन उगाई जाती हैं.
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