गोड्डा के इस किसान ने जुगाड़ तकनीक से शुरू की बागवानी, इस तरह बनाया गमला

गोड्डा के इस किसान ने जुगाड़ तकनीक से शुरू की बागवानी, इस तरह बनाया गमला

खेती योग्य जमीन कम है इसलिए सब्जी की खेती बड़े स्तर पर नहीं कर पाते हैं. पर धान और गेहूं की खेती वो करते हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास दो बीघा जमीन है. पर सभी जमीन जो है वो छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटी हैं इसके कारण कृषि कार्य करने में परेशानी होती है.

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गोड्डा के इस किसान ने जुगाड़ तकनीक से शुरू की बागवानी, इस तरह बनाया गमलाजीन्स का इस्तेमाल कर बनाए गए गमले फोटोःकिसान तक

कृषि और बागबानी के क्षेत्र में देशी जुगाड़ करने से किसानों को काफी लाभ होता है. झारखंड के गोड्डा जिले के गोड्डा प्रखंड अंतर्गत हरिपुर गैरवन्ना गांव के एक ऐसे ही किसान हैं नारायण कापरी. कृषि उनका पुश्तैनी पेशा है. पर खेती बारी उतनी नहीं है कि सिर्फ इसके जरिए ही आजीविका कमाई जा सके इसलिए कृषि कार्य के अलावा जो कार्य मिलता है वो करते हैं. पर कृषिके प्रति इतना विश्वास है कि खेती को अभी भी बनाए हुए हैं. सब्जी और फूलों की खेती के प्रति उनकी ललक का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वो खेती-बारी के नए तरीकों की जानकारी के लिए यूट्यूब के अलावा अन्य विकल्पों की तलाश करते रहते हैं. 

नारायण बताते हैं कि उनके परिवार में सभी लोग खेती की करते हैं, किन्ही के पास नौकरी नहीं है. खेती योग्य जमीन कम है इसलिए सब्जी की खेती बड़े स्तर पर नहीं कर पाते हैं. पर धान और गेहूं की खेती वो करते हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास दो बीघा जमीन है. पर सभी जमीन जो है वो छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटी हैं इसके कारण कृषि कार्य करने में परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि चार साल पहले वो इलाके में लेमन ग्रास की खेती कराने वाली संस्था के साथ कार्य करते थे. यह संस्था सुंदरपहाडी और आस-पास के क्षेत्रों में लेमनग्रास की खेती कराती थी, हालांकि अब यह काम बंद हो गया है. इसके बाद वो एक कुरियर कंपनी के लिए कार्य करते थे.

यूट्यूब वीडियो देखकर किया प्रयोग 

नारायण एक ऐसे किसान हैं जिन्होंने पुराने जीन्स पैंट का इस्तेमाल करके गमला बनाया है. इस गमले की उनके क्षेत्र में खूब वाहवाही हो रही है और काफी संख्या में आस-पास के लोग भी इसे देखने के लिए आ रहे हैं. इस तरह के जुगाड़ के बारे में नारायण को यूट्यूब वीडियो के जरिए जानकारी मिली. इसके बाद वो खुद से इसकी तैयारी करने में लग गए. अपने घर की ही पुरानी जीन्स का इस्तेमाल किया. हालांकि पहली बार में उन्हें सफलता नहीं मिली और अधिक भारी होने के कारण वो गिर गया. उसके बाद नारायण ने इसे और बेहतर बनाने के लिए आधा में बालू भर दिया और ऊपरी हिस्से में गोबर और मिट्टी मिलाकर भरा. इसके बाद उसमें करैला और फूल के बीज लगाए हैं. 

 

शहरों के लिए फायदमेंद है यह मॉडल

नारायण ने बताया की उनकी मां को शुगर की समस्या है इसलिए हर रोज उन्हें हरी सब्जी की जरूरत होती है. जींस वाला मॉडल उन्हें अच्छा इसलिए लगा क्योंकि उनके बगान में पानी जमा हो जाता है. ऐसे में उंचाई पर पौधा रहने से उसे नुकसान नहीं होता है. साथ ही इसमें नीचे बालू भरा होता है इसलिए नमी बनी रहती है. उन्होंने इसकी कमाई का गणित बताते हुए कहा कि एक जींस के बनाए गमले से 500 रुपये तक की सब्जी उगायी जा सकती है. जबकि उस पूराने जींस के कोई 50 रुपये भी नहीं देगा. इसलिए यह मॉडल एक बेहतर मॉडल हो सकता है, खासकर शहरों में इसका इस्तेमाल लोग कर सकते हैं क्योकि यह कम जगह लेता है.

 

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