Himachal Pradesh: सोलन में गाला सेब उगाने में किसानों को मिली कामयाबी, 180 रुपये किलो मिला भाव

Himachal Pradesh: सोलन में गाला सेब उगाने में किसानों को मिली कामयाबी, 180 रुपये किलो मिला भाव

हिमाचल प्रदेश के सोलन में किसानों ने गाला सेब उगाने में कामयाबी हासिल की है. इससे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. गाला सेब की पहली खेप सोलन मंडी पहुंची है. गाला सेब की वैरायटी सेब की सबसे अच्छी किस्मों में से एक है. इसकी मांग ज्यादा है और इसके लिए किसानों को ज्यादा पैसे मिलते हैं.

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Himachal Pradesh: सोलन में गाला सेब उगाने में किसानों को मिली कामयाबी, 180 रुपये किलो मिला भावहिमाचल प्रदेश के सोलन में उगाई गई सेब की गाला वैरायटी

हिमाचल प्रदेश के सोलन से गुड न्यूज आई है. सोलन में बागवानों ने गाला सेब उगाने में कामयाबी हासिल कर ली है. इससे बागवानों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. गाला सेब की पहली खेप भी सोलन मंडी में पहुंची गई है. हिमाचल प्रदेश के सोलन की सेब मंडी में गाला सेब वैरायटी ने दस्तक देते ही धूम मचा दी है. सीजन की पहली खेप आने से बागवानों को इसके अच्छे दाम मिल रहे हैं. गाला सेब गुरुवार को 180 रुपये किलो के हिसाब से मंडी में बिका है. बाबजूद इसके हिमाचली गाला सेब की डिमांड काफी आ रही है. 

सेब कारोबारियों ने हिमाचली गाला सेब को हाथों हाथ खरीदा है. सेब आढ़तियों ने बताया कि हिमाचली सेब की गाला वैरायटी ने सेब की स्पर किस्मों को भी पछाड़ दिया है. ऐसे क्षेत्रों में जहां सेब की अन्य किस्में कामयाब नहीं हो पा रही हैं, वहां बागवानों के लिए गाला सेब बेहतर विकल्प साबित हो रहा है. सेब बागवानों की मानें तो गाला वैरायटी की खासियत है कि इसे महज 800 घंटे चिलिंग ऑवर की जरूरत रहती है. जबकि सेब की डिलिशियस किस्म को 1600 घंटे चिलिंग ऑवर चाहिए. 

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गाला वैरायटी की खासियत

इतना ही नहीं, गाला वैरायटी पथरीली जमीन और तेज धूप वाली जगहों पर भी कामयाब है. इसलिए हिमाचल के निचले क्षेत्रों में भी सेब की गाला वैरायटी का उत्पादन संभव हो पाया है. सोलन मंडी के सेब आढ़ती उदय चौहान कहते हैं, “गाला सेब के बागवानों को सोलन मंडी में बहुत अच्छे दाम मिल रहे हैं. 180 रुपये किलो के हिसाब से मंडी में गाला सेब बिका है.”

गाला सेब

सोलन मंडी में गाला सेब खरीदने पहुंचे हरनिप अहमद कहते हैं, “गाला स्टार वैरायटी है. ये सोलन में फलने लगा है ये खुशी की बात है.” बता दें कि यह वैरायटी पहले सोलन में नहीं उपजती थी, लेकिन अब इसकी बागवानी यहां भी शुरू हो गई है. इससे किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है, साथ ही दुकानदार और आढ़ती भी पहले से खुश हैं. सोलन के बागवान समीर कश्यप कहते हैं, “गाला सेब काफी टेस्टी सेब है. इसे सोलन में उगाया गया है. दूसरे सेबों से अगर इसकी तुलना करें तो ये ज्यादा बेटर है.”

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गाला सेब की मांग ज्यादा

सोलन मंडी में पहले दिन लोगों ने इसकी बोली में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. 100 रुपये से शुरू हुई इसकी बोली 180 रुपये पर जाकर रुकी. बोली पूरी होते ही लोगों ने तालियां बजाकर इसकी बिक्री का स्वागत किया. लोगों को खुशियां इसलिए भी है क्योंकि यह सेब पहले सोलन में नहीं उगाया जाता था. लेकिन इस बार पहली खेप निकली जिसकी बिक्री सोलन मंडी में की गई. इस सेब की मांग देश के अलग-अलग इलाकों में ज्यादा है जिसके लिए किसानों को अच्छे भाव भी मिलते हैं. सोलन में इस सेब की खेती होने से यहां के किसान अधिक से अधिक लाभान्वित हो सकेंगे. गाला किस्म सेब की सबसे अच्छी किस्मों में से एक है जिसकी मांग बहुत अधिक रहती है.(राजेश शर्मा की रिपोर्ट)

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