
रेवाड़ी मंडी के बाहर गजब का नजारा दिख रहा है. आपकी नजरें जहां तक जाएंगी, केवल ट्रैक्टरों की कतारें दिखेंगी. ट्रैक्टरों का रेला तीन से लेकर पांच किमी तक लंबा हो सकता है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि किसान ट्रॉलियों में सरसों भरकर मंडी में लेकर आ रहे हैं. किसानों को लगता है कि मंडियों में सरसों बिकने पर उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि MSP का अच्छा लाभ मिलेगा और वे मुनाफा कमा सकेंगे. दरअसल, दो दिन के लिए ही रेवाड़ी मंडी में सरसों की खरीद दोबारा शुरू की गई है. यही वजह है कि मंडियों के बाहर ट्रैक्टरों की लंबी लाइन लग गई है.
किसानों और ट्रैक्टरों की भीड़ इसलिए देखी जा रही है क्योंकि सरसों की दोबारा खरीद बस दो दिन के लिए शुरू हुई है. किसानों को लग रहा है कि इसी दो दिन में वे अपनी उपज को एमएसपी पर बेच लें और मौके का फायदा उठा लें. लेकिन मुसीबत ये है कि मंडी के अंदर भी खाली जगह नहीं है. पहले से उपज मंडी में पड़ी है. इसलिए जब तक उन अनाजों का उठाव नहीं हो जाता, तब तक नई उपज की खरीद नहीं हो सकेगी. इस वजह से मंडी के बाहर ट्रैक्टरों की भारी भीड़ देखी जा रही है.
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बीते दिनों किसानों ने सरसों की खरीद फिर से शुरू करने के लिए आंदोलन किया था. किसानों का कहना था कि सरकार ने खरीद पूरी किए बिना ही इसे बंद कर दिया. दूसरी ओर सरकार का कहना है कि सरसों खरीद का जो लक्ष्य था, उसे पूरा कर लिया गया है. सो, खरीद को बंद किया गया है. किसान इस तर्क से सहमत नहीं हैं और उनका कहना है कि वे बाजार में अपनी उपज नहीं बेचेंगे क्योंकि प्राइवेट व्यापारी औने-पौने दाम पर इसकी खरीद कर रहे हैं. यहां तक कि दो से तीन हजार रुपये तक सरसों के भाव गिर गए हैं. इससे पार पाने के लिए किसान सरकारी मंडी में सरसों बेचना चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने आंदोलन किया और सरकार को दोबारा मंडी शुरू करनी पड़ी है.
लिहाजा सरकार ने प्रदेश के कई जिलों में दो दिनों के लिए सरसों की खरीद फिर से शुरू की है जिसमें रेवाड़ी जिले को भी शामिल किया गया है. गौरतलब है कि बीते दिन किसानों ने अनाज मंडी के बाहर धरना प्रदर्शन कर गेट पर ताला लगा दिया था. इसके बाद आनन-फानन में पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने ज्ञापन ले कर जल्द इस पर सुनवाई करने की बात कही थी. उसी का नतीजा निकला कि गुरुवार को मंडियों में किसानों की सरसों खरीदी जा रही है.
किसानों की मानें तो सुबह पांच बजे से किसान अपनी फसल लेकर मंडी पहुंचे हैं. लेकिन खबर लिखे जाने तक उनका नंबर नहीं आया है. या यूं कहें कि मंडी में सुविधा का अभाव है. वर्ना सरसों खरीद में इतनी देरी नहीं होती. किसानों की मांग है कि सरकार खरीद को दो दिन से बढ़ाकर एक सप्ताह करे ताकि किसानों को फसल बेचने में कम परेशानी उठानी पड़े.
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मंडी के बाहर से आई तस्वीरें और वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इस कड़ी धूप में भी किसान अपनी फसल को बेचने के लिए लंबी कतारों में लगे हुए हैं और सरकार से समय अवधि बढ़ाने और सुविधा देने की मांग कर रहे हैं. इस बार उपज भी बंपर हुई है और किसान उसका अधिक से अधिक फायदा उठाना चाह रहे हैं. लेकिन सरकार ने अपना लक्ष्य पूरा करने के बाद खरीद बंद करने का निर्णय लिया है. यह दूसरी बात है कि रेवाड़ी में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद दो दिन के लिए खरीद फिर से शुरू की गई है.
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