धान खरीद में घोटाले की जांच तेजहरियाणा के करनाल में कई करोड़ रुपये के कथित धान खरीद घोटाले की जांच और सख्त होती जा रही है. पुलिस ने कार्रवाई तेज करते हुए असंध की दो राइस मिलों से जुड़े सात बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है. इन खातों में मौजूद करीब 85 लाख रुपये को जब्त कर लिया गया है. यह कदम उन मिलर्स पर वित्तीय शिकंजा कसने की दिशा में उठाया गया है, जिन पर बड़े पैमाने पर धांधली और स्टॉक में भारी कमी का आरोप है. हाफेड अधिकारियों और सीएम फ्लाइंग स्क्वाड द्वारा 4 और 5 नवंबर को की गई भौतिक जांच में दोनों मिलों में गंभीर अनियमितताएं सामने आई थीं. जांच टीम को कुल 24,431 क्विंटल धान की कमी मिली थी, जिसकी कीमत लगभग 6.31 करोड़ रुपये बैठती है.
दि ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच रिपोर्ट के आधार पर 11 नवंबर को असंध थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी. मामले में निशाने पर रहे दो मिल मालिक- निसिंग निवासी तरसेम कुमार, मालिक श्री राधे राधे राइस मिल और असंध निवासी शिशपाल, मालिक अग्रवाल राइस मिल के खिलाफ हाफेड के जिला प्रबंधक कृपाल दास की शिकायत पर धारा 316(2), 316(5), 318(4) और 61 (बीएनएस) के तहत मामला दर्ज किया गया था. करनाल के एसपी गंगा राम पुनिया ने इसकी पुष्टि की.
जांच के दौरान श्री राधे राधे राइस मिल में 15,520.71 क्विंटल और अग्रवाल राइस मिल में 8,910.53 क्विंटल धान की कमी दर्ज की गई. पुलिस ने इस मामले में दो मिल मालिकों को गिरफ्तार भी कर लिया है. एसपी पुनिया ने कहा, “हमने दोनों मिलों से जुड़े सात बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं. आगे की जांच जारी है.”
पुलिस टीम अन्य जुड़े लोगों की वित्तीय गतिविधियों पर भी नजर बनाए हुए है. संकेत हैं कि आने वाले दिनों में और खातों को भी फ्रीज किया जा सकता है. अब तक इसी तरह के मामलों में छह अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जिनसे ऐसा प्रतीत होता है कि मिलर्स, आढ़तियों, मार्केट बोर्ड के कर्मचारियों और खरीद एजेंसियों के बीच एक संगठित नेटवर्क सक्रिय रहा है.
जांच अधिकारी मान रहे हैं कि इस मामले में और कई अधिकारियों की भूमिका सामने आ सकती है. एक डीएसपी स्तर के अधिकारी की अगुवाई में बनाई गई विशेष जांच टीम (एसआईटी) कई एंगल से जांच कर रही है. आठ मंडियों- करनाल, घरौंडा, असंध, तरावड़ी, इंद्री, निसिंग, निगधू और जुंडला में इस साल और पिछले साल की आवक में भारी अंतर ने संदेह और गहरा कर दिया है.
अधिकारियों को आशंका है कि कस्टम-मिल्ड राइस (सीएमआर) के नाम पर दूसरे राज्यों से लाई गई पीडीएस चावल और धान की बड़े पैमाने पर प्रॉक्सी खरीद की गई होगी. अब तक कुल पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इनमें निलंबित मंडी पर्यवेक्षक पंकज तूली भी शामिल थे, जिन्हें गिरफ्तार किए जाने के बाद स्वास्थ्य खराब होने पर पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया था. गुरुवार को उनका वहीं निधन हो गया. घोटाले के हर नए खुलासे के साथ जांच एजेंसियां सख्ती बढ़ा रही हैं और संकेत साफ हैं कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.
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