हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य में 9.96 लाख एकड़ फसल के नुकसान का क्लेम करने के लिए कुल 1.69 लाख किसानों ने वेब पोर्टल पर पंजीकरण कराया है. सीएम सैनी ने कहा कि राज्य सरकार हरियाणा के कई हिस्सों में बाढ़ के कारण कठिनाइयों का सामना कर रहे किसानों के साथ पूरी तरह खड़ी है. बता दें कि रविवार को पंचकूला में, मुख्यमंत्री ने पंजाब और हिमाचल प्रदेश के लिए राहत सामग्री से भरे ट्रकों को हरी झंडी दिखाई.
दरअसल, जलभराव और हाल ही में आई बाढ़ से हुए फसल नुकसान के लिए क्लेम दर्ज करने में किसानों की सुविधा के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खुला रखा गया है. इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपनी फसलों को हुए नुकसान का विवरण अपलोड कर सकते हैं और मुआवजे का दावा दायर कर सकते हैं. पत्रकारों से बात करते हुए, सीएम नायब सैनी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीति करते हैं. लेकिन लोगों की सेवा करना हमारा कर्तव्य है.
इस दौरान एक सवाल के जवाब में, मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि हरियाणा के निचले इलाकों में जलभराव है. उन्होंने कहा कि मैं कल कई लोगों से मिला था और आज भी, मैं और लोगों से मिल रहा हूं. मैंने सभी से इस प्राकृतिक आपदा का मिलकर सामना करने की अपील की है. सैनी ने कहा कि उन्होंने फसल नुकसान से प्रभावित किसानों से ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर पंजीकरण कराने को कहा है. सैनी ने आगे कहा, "ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से 1,69,738 किसानों ने 9,96,701 एकड़ भूमि का पंजीकरण कराया है. पोर्टल खुला है, हम किसानों के साथ हैं."
सैनी ने कहा कि 2,897 गांवों के किसानों को हाल ही में आई बाढ़, जलभराव या भारी बारिश के कारण फसल को हुए नुकसान के लिए क्लेम दर्ज कराने में सुविधा प्रदान करने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खुला रखा गया है. इस पोर्टल के जरिए किसान अपनी फसलों को हुए नुकसान का विवरण अपलोड कर सकते हैं और मुआवज़े का दावा दायर कर सकते हैं. सैनी ने बताया कि दावों के वेरिफिकेशन के बाद मुआवजा दिया जाएगा.
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जीएसटी सुधारों को एक ऐतिहासिक कदम बताया, जिससे समाज के हर वर्ग को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि यह गरीबों, किसानों और आम आदमी को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी में कटौती से हरियाणा के किसानों, गरीबों और आम लोगों को लगभग 4,000 करोड़ रुपये का लाभ होगा. उन्होंने कहा कि आम इस्तेमाल की वस्तुओं पर दरें कम होंगी और मध्यम वर्ग की बचत बढ़ेगी.
(सोर्स- PTI)
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