किसान परेशान है. पहले गेहूं की खेती पर पड़ी मौसमी मार को लेकर परेशानी थी. अब गेहूं बेचने को लेकर परेशानी है. किसान समझ नहीं पा रहा कि आगे क्या करना है. ताजा मामला हरियाणा की अंबाला मंडी का है. इस मंडी में अभी गेहूं की बड़ी खेप लगातार आ रही है. दिन-रात ट्रैक्टर और ट्रक से भरे गेहूं के स्टॉक बिक्री के लिए पहुंच रहे हैं. दूसरी ओर, तुलाई में मंडी प्रशासन की ढिलाई भी परेशानी का सबब बन रही है. हालत ये है कि अंबाला मंडी के बाहर अभी सात घंटे का वेटिंग टाइम चल रहा है. यानी किसान अगर अपनी उपज लेकर मंडी में पहुंच रहा है, तो सात घंटे बाद ही उसका गेहूं तौला जा रहा है. इससे कई किसान हताश-परेशान हैं.
गेहूं की आवक तेज बनी हुई है. किसान MSP पर अपनी उपज को बेचने के लिए मंडियों की तरफ रुख कर रहे हैं. दूसरी ओर आलम ये है कि मंडियां अभी खचाखच भरी हुई हैं. अंबाला अनाज मंडी में पैर रखने तक की जगह नहीं है. ऐसे में जो किसान गेहूं बेचने के लिए मंडी पहुंच रहे हैं, उन्हें कई घंटे तक मंडी के बाहर डेरा डालना पड़ रहा है. जब उनका नंबर आता है, तब गेहूं की तुलाई और बिक्री होती है. ऊपर से रही-सही कसर 41 डिग्री का तापमान पूरा कर देता है. किसान भरी दुपहरी में अपनी बारी का इंतजार करते दिख रहे हैं.
'दि ट्रिब्यून' ने मार्केट कमेटी के हवाले से गेहूं की खरीद का आंकड़ा दिया है. आंकड़े के मुताबिक, सोमवार दोपहर तक मंडी में 2.97 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है. इसमें से मात्र 65,600 क्विंटल गेहूं को उठाया जा पाया है. यानी इस गेहूं का उठावन हो चुका है. बिक्री की प्रक्रिया तभी पूरी मानी जाती है जब मंडी में उसका उठावन हो जाए. अंबाला मंडी में अभी ऐसा हाल है कि बिक्री के लिए भी लाइन लग रही है और उठावन में भी देरी देखी जा रही है.
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ओजालन गांव के किसान सुखदेव सिंह कहते हैं, 'अनाज मंडी में पिछले सात घंटे से गेहूं लेकर इंतजार कर रहा हूं कि मेरी उपज कब बिकेगी. लेकिन कमीशन एजंट कुछ और ही बात बोल रहा है. एजंट का कहना है कि अभी वह मंडी में जगह खाली होने का इंतजार कर रहा है. जैसे ही जगह मिलेगी, गेहूं की तुलाई शुरू कर दी जाएगी'.
दूसरी ओर, कमीशन एजंट एसोसिएशन के प्रमुख दुनी चांद का कहना है, मंडी में गेहूं की आवक चरम पर है जबकि उठावन में देरी चल रही है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि मंडी में जगह की कमी है जहां अनाज से भरी गाड़ियों को खाली किया जा सके. जो किसान मंडियों में गेहूं बेचने आ रहे हैं, उन्हें घंटों-घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. हमने अधिकारियों से कहा है कि गेहूं उठावन में जल्दी करने के लिए कुछ कदम उठाए जाएं.
राजनीतिक पार्टी जेजेपी के प्रवक्ता विवेक चौधरी खुद भी कमीशन एजंट हैं और वे कहते हैं, अभी तक गेहूं उठाने का काम बहुत धीरे है और इसे दुरुस्त करने के लिए मार्केट कमेटी और एजंसियों से बात चल रही है. अधिकारियों से कहा गया है कि गेहूं खरीद की प्रक्रिया तेज करने के लिए मंडी में अधिक से अधिक लेबर लगाई जाए. दूसरी ओर, मार्केट कमेटी के अधिकारियों का कुछ और ही कहना है. अधिकारी कहते हैं कि पहले उठावन में देरी हो रही थी, लेकिन अभी सुधार है. दो दिनों में अंबाला मंडी में एक लाख गेहूं की बोरी उठने की संभावना है.
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यह हाल कमोबेश हरियाणा की लगभग सभी मंडियों में है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अचानक गेहूं की आवक बढ़ गई है. किसान भी एमएसपी पर गेहूं बेचकर जल्दी फ्री हो जाना चाहते हैं. उनके पास उपज स्टोर करने की जगह भी कम है. ऐसे में उन्हें अगर एमएसपी से थोड़ा-बहुत ऊपर-नीचे भाव मिल रहा है, तो भी वे गेहूं बेच रहे हैं. उन्हें डर है कि अगर बारिश हो जाए और उनकी उपज भीग जाए तो दाम और भी गिरने की आशंका बढ़ जाएगी. यही वजह है कि मंडियों के बाहर गाड़ियों की बड़ी-बड़ी लाइन घंटों तक इंतजार में लगी रहती हैं.
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