धान की कटाई शुरू होने के साथ सिर्फ पंजाब ही नहीं, बल्कि हरियाणा में भी पराली जलाने की घटनाएं सामने आने लगी हैं. करनाल जिले में धान की पराली जलाने के आरोप में तीन किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है. कृषि और किसान कल्याण विभाग ने इन तीनों किसानों के खिलाफ FIR दर्ज कर कुल 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा इन किसानों का नाम ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रेड एंट्री दर्ज कर दी गई है, जिससे वे अगले दो सीजन तक अपनी फसल सरकारी खरीद में एमएसपी पर बेचने में असमर्थ रहेंगे. तीनों किसान घरौंदा ब्लॉक से हैं.
किसानों के खिलाफ एयर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पोल्यूशन) एक्ट, 1981 की धारा 39 और भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223(a) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. आरोपित किसानों में केमला गांव के जसमेर, फुरलक के दिनेश कुमार और बिजना गांव के विक्की शामिल हैं.
एफआईआर में जसमेर सिंह के खिलाफ सार्वजनिक निर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियर मोहन ने आरोप लगाया कि जसमेर सिंह आग बुझाने का प्रयास करने के बजाय ट्रैक्टर लेकर मौके से चले गए. जसमेर सिंह का कहना है कि आग दुर्घटनावश लगी थी, जब मजदूर खेत में चाय बना रहे थे. अधिकारियों के आने पर वह आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे. जसमेर सिंह ने बताया कि उनके पास आधा एकड़ जमीन है, लेकिन वह 7.5 एकड़ जमीन अनुबंध पर खेती करते हैं.
प्रशासन ने इस वर्ष शून्य पराली जलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए लगभग 750 अधिकारियों की मल्टी-लेवल निगरानी टीम बनाई गई है, जो पराली जलाने की घटनाओं को रोकने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का काम कर रही है. 2024 के गज़ट ऑफ इंडिया के अनुसार जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है. दो एकड़ तक के क्षेत्र में 5,000 रुपये, पांच एकड़ तक के लिए 10,000 रुपये और पांच से अधिक एकड़ के लिए 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही एफआईआर दर्ज और किसान डेटाबेस में रेड एंट्री की जाएगी.
जिलास्तरीय और ब्लॉक स्तरीय नियंत्रण कक्ष शिकायतों को संभालने और फसल अवशेष प्रबंधन में सहायता करने के लिए स्थापित किए गए हैं. किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे सुपर एसएमएस, बेलर, हैप्पी सीडर और मल्चर जैसी कृषि मशीनरी का इस्तेमाल करें. इन मशीनों का इस्तेमाल करने पर किसानों को प्रति एकड़ 1,200 रुपये का प्रोत्साहन भी मिलेगा.
इस वर्ष कुल 1,904 किसानों ने 3,509 मशीनों पर सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया. 3 सितंबर, 2025 को हुए ड्रॉ में 1,110 किसानों का चयन किया गया. सभी अनुसूचित जाति वर्ग के आवेदनकर्ताओं को सफल घोषित किया गया. किसानों को अंतिम खरीद की तारीख 25 सितंबर, 2025 तक दस्तावेज पूरे करने और परमिट लेने के लिए कहा गया है अन्यथा उनका चयन रद्द किया जा सकता है.
इस वर्ष हिसार में आयोजित कृषि मेले में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि किसानों को पराली प्रबंधन के लिए एक लाख से अधिक मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं. इसके परिणामस्वरूप 2016 की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 90 प्रतिशत की कमी आई है. कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे पराली जलाने से बचें और पर्यावरण के अनुकूल तरीके अपनाएं. विभाग की सब्सिडी वाली मशीनरी का उपयोग करके सतत कृषि प्रणाली को बढ़ावा दें.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today