छत्‍तीसगढ़ के इस जिले में मखाने की खेती हुई शुरू, धान के मुकाबले दोगुना हो रहा मुनाफा

छत्‍तीसगढ़ के इस जिले में मखाने की खेती हुई शुरू, धान के मुकाबले दोगुना हो रहा मुनाफा

Dhamtari Makhana Cultivation: धमतरी जिले में सुपरफूड मखाना की खेती से किसानों और महिला समूहों की आय दोगुनी हो रही है. धान के मुकाबले अधिक मुनाफा देने वाली यह फसल छह माह में तैयार हो जाती है.

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छत्‍तीसगढ़ के इस जिले में मखाने की खेती हुई शुरू, धान के मुकाबले दोगुना हो रहा मुनाफामखाना की खेती (फाइल फोटो)

धमतरी जिले में सुपरफूड मखाना की खेती किसानों और महिला स्व-सहायता समूहों के लिए आय बढ़ाने का नया जरिया बन रही है. जिला प्रशासन ने आने वाले वर्षों में इसे धान के बेहतर विकल्प के रूप में तैयार कर जिले की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का लक्ष्‍य रखा है. धमतरी प्रशासन ने कुरूद विकासखंड के गांव राखी, दरगहन और सरसोंपुरी को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना है. इन गांवों के तालाबों में लगभग 20 हेक्टेयर क्षेत्र में मखाने की खेती की जा रही है. राखी गांव में करीब 5 हेक्टेयर फसल तैयार होकर हार्वेस्टिंग के चरण में पहुंच चुकी है. कटाई-छंटाई का कार्य प्रशिक्षित मजदूरों द्वारा किया जा रहा है, क्योंकि मखाना उत्पादन में विशेष दक्षता की जरूरत होती है.

SHG की मह‍िलाएं पहल को बना रहीं सफल

महिला स्व-सहायता समूहों (SHG) की भागीदारी इस पहल को और सफल बना रही है. गांव देमार की शैलपुत्री महिला समूह और नई किरण महिला समूह ने मखाना की खेती और प्रोसेस‍िंग की ट्रेनिंग लेकर इसे आजीविका का साधन बनाना शुरू कर दिया है. महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने से पूरे परिवार की जीवनशैली में सुधार देखने को मिल रहा है.

धान से लगभग दोगुना मुनाफा

कृषि विस्तार अधिकारी और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के विशेषज्ञ किसानों को लगातार तकनीकी मार्गदर्शन दे रहे हैं. केवल 2 से 3 फीट पानी वाले तालाबों में यह फसल आसानी से तैयार हो जाती है और छह माह में कटाई योग्य हो जाती है. लाभ के लिहाज से मखाना धान से अधिक फायदे का सौदा साबित हो रहा है. जहां धान की खेती से औसत शुद्ध आय 32,698 रुपये होती है, वहीं मखाने से किसानों को लगभग 64,000 रुपये तक का लाभ मिल रहा है.

200 एकड़ तालाब में विस्‍तार का लक्ष्‍य

बढ़ती रुचि को देखते हुए प्रशासन ने अगले रबी सीजन में जिले के 200 एकड़ तालाबों में मखाना खेती विस्तार का लक्ष्य तय किया है. किसानों का कहना है कि इस पहल से न केवल उनकी आय दोगुनी होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका के नए अवसर भी खुलेंगे. धमतरी में मखाना खेती की यह दिशा आने वाले समय में जिले को प्रदेश और देश में नई पहचान दिला सकती है.

बता दें कि ‘काला हीरा’ कहलाया जाने वाला मखाना स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर होता है, जिसमें विटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यह डायबिटीज और दिल की बीमारी वाले मरीजों के लिए बेहद उपयोगी है. साथ ही इसका सेवन करने से हड्डियों और जोड़ों के दर्द में भी राहत मिलती है. नींद और तनाव पर भी यह सकारात्मक असर डालता है और शरीर को ऊर्जा और मजबूती प्रदान करता है.

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