नए टैक्स बदलावों के बाद क्या प्रॉपर्टी बेचना महंगा पड़ेगा, कितना चुकाना होगा टैक्स? एक्सपर्ट ने बताया कैलकुलेशन

नए टैक्स बदलावों के बाद क्या प्रॉपर्टी बेचना महंगा पड़ेगा, कितना चुकाना होगा टैक्स? एक्सपर्ट ने बताया कैलकुलेशन

इस बार बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर लगने वाला टैक्स 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है. इसके साथ ही 2001 के बाद जो भी आपने प्रॉपर्टी खरीदी है उसको आप बेचेंगे तो उस पर इंडेक्सेशन बनेफिट नहीं मिलेगा. इन बदलावों के बाद आप पर पड़ने वाले इंपैक्ट को एक्सपर्ट ने टैक्स कैलकुलेशन के साथ समझाया है.

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नए टैक्स बदलावों के बाद क्या प्रॉपर्टी बेचना महंगा पड़ेगा, कितना चुकाना होगा टैक्स? एक्सपर्ट ने बताया कैलकुलेशनवित्त मंत्री ने प्रॉपर्टी बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स दर में बदलाव किया है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को बजट 2024-25 पेश कर दिया है. वित्त मंत्री ने टैक्स से जुड़े कई बदलाव किए हैं, जिनमें प्रॉपर्टी पर कमाए गए मुनाफे यानी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर लगने वाले टैक्स दर में बदलाव किया है और इंडक्सेशन बेनेफिट को हटा दिया गया है. इन बदलावों के बाद प्रॉपर्टी बिक्री पर लगने वाले टैक्स को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन है. प्रॉपर्टी बिक्री पर ज्यादा टैक्स चुकाने की चिंताओं को देखते हुए एक्सपर्ट ने कैलकुलेशन कर समझाया है कि पुरानी और नई कर व्यवस्था के अनुसार कितना टैक्स चुकाना होगा.  

टैक्स, इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट और बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम ने 'किसान तक' को दिए इंटरव्यू में 100 रुपये कीमत की प्रॉपर्टी को आधार बनाकर ये उदाहरण देते हुए समझाया है कि नए बदलावों के तहत कितना टैक्स लगेगा. उन्होंने बताया कि अगर हमने प्रॉपर्टी 5 साल पहले खरीदी है, 10 साल पहले खरीदी है या 15 साल पहले खरीदी है तो नए टैक्स बदलावों का क्या इंपैक्ट होगा. उदाहरण में पुरानी और नई कर व्यवस्था को शामिल किया गया है. 

प्रॉपर्टी बिक्री पर इंडेक्सेशन बनेफिट नहीं मिलेगा

उन्होंने बताया कि इस बार बजट इसमें दो बदलाव किए गए हैं, पहला जो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (long term capital gain) पर लगने वाला टैक्स है वह 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया है. दूसरा, 2001 के बाद जो भी आपने प्रॉपर्टी खरीदी है उसको आप बेचेंगे तो उस पर इंडेक्सेशन बनेफिट (indexation benefit) नहीं मिलेगा. यहां पर कैलकुलेशन में पुरानी कर व्यवस्था और नई व्यवस्था में तुलना की गई है. 

आमतौर पर यह देखा गया है कि संपत्ति (property) में जो रिटर्न मिलता है वह महंगाई (inflation) से बहुत ज्यादा होता है. इस समय महंगाई दर (inflation rate) 4 फीसदी से 5 फीसदी के बीच है और प्रॉपर्टी पर रिटर्न 12 फीसदी से लेकर 16 फीसदी के करीब है. एक्सपर्ट ने कहा कि पहला उदाहरण जो है वह प्रैक्टिकल है, हो सकता है 1-2 केस में आपको थोड़ा सा अंतर नजर आए.

5 साल पहले खरीद लागत के अनुसार

एके निगम ने उदाहरण देते हुए बताया कि 5 साल पहले 2019-20 में अगर प्रॉपर्टी की अधिग्रहण लागत यानी खरीद कीमत (cost of acquisition) 100 रुपए है, जो इंडेक्सेशन है 2024-25 का वो 363 होगा और 2019-20 में 289 होगा तो आपका जो इंडेक्शेसन फैक्टर है वो 1.26 है तो इंडेक्स कॉस्ट ऑफ एक्यूजीशन (index cost of acquisition) 100x1.26 मतलब 126 रुपए हुई और अगर आपने संपत्ति 250 रुपए में बेची है तो आपको सालाना रिटर्न 20 फीसदी आया. अगर कैपिटल गेन पुरानी टैक्स व्यवस्था से कैलकुलेट करें तो 124 रुपये मिला. इस 124 रुपये पर हमें टैक्स देना है 20 फीसदी तो यह हुआ 24.8 रुपये हुआ. 

अगर हम नई कर व्यवस्था यानी न्यू टैक्स रिजीम में जाते हैं तो कैपिटल गेन 150 रुपये होगा और उस पर हमें टैक्स देना है 12.5 फीसदी, जो 18.8 रुपये होगा. आप यहां देखेंगे कि टैक्स कम है. लेकिन, अगर मान लें कि आपको सेल्स वैल्यू 250 रुपये ना मिलकर 170 रुपये मिली है तो इसका मतलब आपका रिटर्न 11.2 फीसदी हुआ और कैपिटल गेन 44 रुपये होगा और आपका पुरानी कर व्यवस्था के हिसाब से टैक्स 8.8 रुपये देना होगा. जबकि, नई कर व्यवस्था में कैपिटल गेन 70 रुपये है और आपको टैक्स देना है 8.75 रुपये. यह कैलकुलेशन 5 साल के हिसाब से है. 

10 साल पहले खरीद लागत के अनुसार

उन्होंने आगे बताया कि अगर 10 साल पहले यानी 2015 में हमने प्रॉपर्टी खरीदी है तो अधिग्रहण लागत यानी खरीद कीमत (cost of acquisition) 100 रुपये है. कॉस्ट इन्फ्लेशन इंटरेस्ट (CII) 2014-15 में 240 रुपये है. मतलब इंडेक्शेसन फैक्टर 1.51 है. इंडेक्शेसन कॉस्ट ऑफ एक्यूजीशन (Indexation cost of acquisition) हुई 151 रुपये. इस पर सेल वैल्यू दो ली जाएंगी यानी एक 400 रुपये और 240 रुपये. अगर सेल्स वैल्यू 400 रुपये है तो रिटर्न 14.9 फीसदी होगा और इस पर कैपिटल गेन 240 रुपये होगा. इस 240 रुपये पर टैक्स के रूप में 49.8 रुपये चुकाने होंगे. इसी तरह नई टैक्स रिजीम में कैपिटल गेन 300 रुपये है, लेकिन टैक्स के रूप में 37.5 रुपये देने होंगे. जो पिछले से कम है. 

अगर कैपिटल गेन 400 रुपये मान लिया और प्रॉपर्टी 240 रुपए में बिकी तो कैपिटल गेन 89 रुपये है तो पुरानी टैक्स रिजीम के तहत टैक्स के रूप 17.8 रुपये चुकाने होंगे. अगर नई टैक्स रिजीम के अनुसार देखें तो 140 रुपये कैपिटल गेन है तो टैक्स के रूप में 17.5 रुपये चुकाने होंगे. 

15 साल पहले खरीद लागत के अनुसार

इसी तरह 15 साल में कैलकुलेट करेंगे तो कॉस्ट ऑफ एक्यूजीशन (cost of acquisition) 245 रुपये है और अगर सेल वैल्यू 700 रुपये है तो पुरानी टैक्स रिजीम में 455 रुपये का कैपिटल गेन होगा और इस पर 91 रुपये टैक्स चुकाना होगा. वहीं, नई टैक्स रिजीम के तहत कैपिटल गेन 600 रुपये है तो टैक्स 75 रुपये बनेगा. अगर मान लिया कि 400 रुपये में प्रॉपर्टी बिकी तो रिटर्न 11.2 फीसदी होगा और इस पर कैपिटल गेन 245 रुपये बनता है तो पुरानी कर व्यवस्था के हिसाब से टैक्स 49 रुपये देना होगा. इसी तरह 390 रुपये कैपिटल गेन है तो नई टैक्स रिजीम के अनुसार टैक्स 48.8 रुपये बनेगा. 

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