इस बार के बजट के बाद इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स समेत दूसरे इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम लोगों के लिए कम हो सकते हैं. इससे शहरी क्षेत्र के लोगों के साथ ही ग्रामीण इलाकों के लोगों को भी राहत मिलेगी. क्योंकि, इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ रहा है. अनुमान है कि सरकार इस बजट में EV के लिए सब्सिडी वाली नई स्कीम लेकर आ सकती है. इसके बाद उम्मीद है कि फेम-2 स्कीम (FAME-2 EV Incentives Scheme) खत्म होने के बाद से लगातार घट रही EV बिक्री फिर से पटरी पर लौट सकती है.
इस महीने जुलाई में पेश होने वाले 2024-25 के बजट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री बढ़ाने के लिए सरकार FAME योजना के नए वर्जन का ऐलान कर सकती है. इसके पहले FAME-II योजना के जरिए ग्राहकों को 31 मार्च तक EV खरीदने पर सब्सिडी मिल रही थी. इस स्कीम के खत्म होने के बाद अनुमान जताया जा रहा है कि बजट में FAME-III का ऐलान करके ग्राहकों को सस्ते इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. भारी उद्योग मंत्रालय ने भी वित्त मंत्रालय से इस स्कीम को जारी रखने की सिपारिश की है.
फरवरी 2024 को पेश किए गए अंतरिम बजट में सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 2671 करोड़ का आवंटन किया था. अब अनुमान है कि FAME-III के लिए पूर्ण बजट में 10 हजार करोड़ की रकम आवंटित की जा सकती है. पिछली फेम-2 स्कीम में इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर कोई सब्सिडी नहीं मिलती थी, लेकिन फेम-3 स्कीम में इलेक्ट्रिक कार को भी शामिल करने का फैसला किया जा सकता है.
फेम-2 स्कीम 2019 में शुरू हुई थी और इस साल मार्च तक इस स्कीम के जरिए साढ़े 11 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. इलेक्ट्रिक दोपहिया, थ्री-व्हीलर्स, बस और सरकारी दफ्तरों के लिए कार खरीदने पर इस स्कीम के तहत सब्सिडी मिलती थी. मार्च में फेम-2 के बाद भारी उद्योग मंत्रालय ने 500 करोड़ रुपए के आवंटन से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम यानी EMPS लागू की थी.
इस स्कीम को लाने का मकसद इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया पर कुछ सब्सिडी देना था. इलेक्ट्रिक फेम-2 स्कीम के तहत दोपहिया वाहनों की खरीदारी पर साढ़े 22 हजार रुपए तक की सब्सिडी मिल रही थी, जो EMPS के तहत घटकर 10 हजार रुपये प्रति दोपहिया वाहन रह गई. इसके असर से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की बिक्री इस साल अप्रैल में घटकर 64 हजार यूनिट्स रह गई थी. जबकि, इस साल मार्च में 1.36 लाख यूनिट्स की बिक्री हुई थी.
इस साल के बीते 2 महीनों के दौरान हुई इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के आंकड़ों पर नजर डालें तो जून में कुल EV बिक्री 1.06 लाख यूनिट्स रही. जबकि, इस साल मई में 1.23 लाख यूनिट्स की बिक्री हुई थी. ऐसे में माना जा रहा है कि इस घटती बिक्री को बढ़ाने के लिए फेम-3 के तहत फिर से इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकारी सब्सिडी बढ़ सकती है. वैसे भी सरकार का टारगेट 2030 तक वाहनों की कुल बिक्री में EV की हिस्सेदारी को 30 परसेंट तक ले जाना है जो फिलहाल 7 फीसदी के करीब है. (आदित्य के राणा)
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