केंद्र सरकार 23 जुलाई को पूर्ण बजट पेश करने जा रही है. निर्मला सीतारमण कई घोषणाएं करेंगी. इस बार के बजट में सरकार ऐसी योजनाएं ला सकती है, जिनसे इलाज कराना सस्ता हो सकता है. इलाज का खर्च कम करने के साथ साथ हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम भी कम करने का एलान हो सकता है. दरअसल, हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस लेना अब काफी महंगा हो चुका है.
प्रीमियम के साथ साथ इन इंश्योरेंस पर 18 फीसदी GST भी लगता है जिसकी वजह से इंश्योरेंस का प्रीमियम और महंगा हो जाता है.ऐसे में इंश्योरेंस पर लगने वाले GST को घटाने की मांग की जा रही है जिससे इसकी पहुंच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक हो जाए.
कन्फेडरेशन ऑफ जनरल इंश्योरेंस ऐजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी CGIAI ने भी डिमांड की है कि हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले GST को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाए. CGIAI के मुताबिक महंगे हो चुके इलाज के खर्च को घटाने के लिए प्रीमियम पर GST कम करने का फैसला सरकार को लेना चाहिए.
इसके अलावा इलाज का खर्च घटाने के लिए सरकार टैक्स छूट का तोहफा भी दे सकती है. इसके लिए इनकम टैक्स की धारा 80D के तहत 25 हजार रुपये तक के मेडिक्लेम प्रीमियम पर मिलने वाली टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया जा सकता है. वहीं, सीनियर सिटीजंस के मामले में ये छूट 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने की मांग है.
बजट में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पर भी कवर को बढ़ाने की मांग की जा रही है. फिलहाल पात्र उम्मीदवार को 5 लाख रुपये तक का इलाज फ्री में मिलता है, जिसे बढ़ाकर दोगुना यानी 10 लाख रुपये किए जाने की मांग है. इसके साथ ही हेल्थ रिसर्च में तेजी लाने और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किए जाने का भी बजट में अनुमान है. हेल्थ सेक्टर को उम्मीद है कि बजट में इस बार हेल्थ बजट को बढ़ाकर GDP के ढाई फीसदी के बराबर किया जा सकता है.
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