केंद्र सरकार आगामी 23 जुलाई 2024 को देश का बजट पेश करने जा रही है. बजट में खेती-किसानी को लेकर सरकार कई बदलाव कर सकती है. किसानों की आय बढ़ोत्तरी, महंगाई और फसलों की अच्छी कीमत को लेकर कई अहम बदलाव कर सकती है. इंडस्ट्री के एक्सपर्ट ने कृषि क्षेत्र, ग्रामीण भारत और किसानों के विकास के लिए इकोसिस्टम को और बेहतर करना होगा. इसके लिए कुछ जरूरी बदलावों पर सख्त फैसला लेना चाहिए.
भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि क्षेत्र जलवायु बदलावों के चलते मुश्किल से गुजर रहा है. मानसून के खराब होने के चलते कृषि विकास दर पिछले वर्ष के 4.7 फीसदी से घटकर 1.4 फीसदी रह गई है. इससे ग्रामीण क्षेत्र के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं. एक्सपर्ट ने कहा है कि यह बजट इन मुश्किलों को दूर करने और कृषि क्षेत्र को बेहतर भविष्य की ओर ले जाने का एक अहम मौका है. सरकार को कृषि और ग्रामीण भारत को प्राथमिकता देनी चाहिए. किसानों के लिए सुविधाओं को और लचीला बनाने पर फोकस करना चाहिए. इसके अलावा खाद्य मुद्रास्फीति को कम करना चाहिए जो समाज के कमजोर वर्गों को प्रभावित करती है.
कृषि क्षेत्र में काम करने वाली फर्म एफएमसी इंडिया के निदेशक (उद्योग एवं सार्वजनिक मामले) राजू कपूर ने बजट में किसानों और कृषि के विकास को लेकर कई अहम निर्णय लिए जाने की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले बजट को खाद्य महंगाई की वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए. दाल, गेहूं और चावल जैसी जरूरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नीचे बनाए रखने के लिए नीतियों पर काम करना चाहिए.
सरकार को रिसर्च और ग्रोथ के लिए निवेश को प्राथमिकता देनी चाहिए. जलवायु-लचीली फसल किस्मों, माइक्रोबियल उत्पादों और टिकाऊ कृषि पद्धतियों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. तकनीक को अपनाने की सुविधा के लिए बजट में नए तरीके से इकोसिस्टम को विकसित करने पर भागीदारी बढ़ानी होगी. निजी क्षेत्र के जरिए रिसर्च और ग्रोथ में निवेश के लिए मॉडर्न तकनीक को प्रोत्साहित कर सकते हैं. इसके अलावा कृषि इनपुट जैसे कि एग्रोकेमिकल्स पर जीएसटी को किसानों पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए 12 फीसदी तक कम किया जाना चाहिए.
किसान समृद्धि योजना को अधिक वित्तीय सहायता के साथ किसानों को सशक्त बनाने के लिए मजबूत करना चाहिए. किसानों के हाथों में इसका उपयोग उन्नत कृषि इनपुट के उपयोग से जोड़ा जाना चाहिए. किसान समृद्धि कूपन के इस्तेमाल से कृषि इनपुट खरीदे जा सकते हैं और प्रोडक्शन बढ़ाया जा सकता है. निजी कंपनियों के जरिए किसान समूहों, महिलाओं को प्रशिक्षित करने और आधुनिक खेती के तरीकों को अपनाने के लिए निवेश को प्रोत्साहित करना चाहिए. लोन सुविधाओं तक आसान पहुंच किसानों को इन तकनीकों को अपनाने और अपनी आजीविका बढ़ाने में सक्षम बनाने में और अधिक सशक्त बनाएगी.
देश में फसल की सुरक्षा के लिए केमिकल्स और उर्वरकों के उत्पादन और निर्यात के लिए पीएलआई योजना का विस्तार करना चाहिए. इससे लंबे समय के लिए फायदा होगा. इसी तरह भारत को वैश्विक ड्रोन हब बनाने के लिए कृषि-ड्रोन कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम बनाना होगा. राजू कपूर ने उम्मीद जताते हुए कहा कि यह बजट कृषि पर केंद्रित है, जो किसानों और राष्ट्र के लिए एक मजबूत, टिकाऊ और समृद्ध भविष्य की नींव रखेगा.
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