Maharashtra Politics: छह महीने की कोश‍िश से प्याज बेल्ट में महायुत‍ि ने बदली तस्वीर, दाम ने बनाया काम

Maharashtra Politics: छह महीने की कोश‍िश से प्याज बेल्ट में महायुत‍ि ने बदली तस्वीर, दाम ने बनाया काम

उत्तरी महाराष्ट्र, देश के प्याज उत्पादन का गढ़ है. नास‍िक इसी क्षेत्र में है. यहां तीन सीटें आती हैं जहां बीजेपी ने अपनी जीत दर्ज की है. पूरे उत्तरी महाराष्ट्र की बात करें तो इस क्षेत्र में कुल 47 विधानसभा सीटें हैं. साल 2019 में इस क्षेत्र की कुल 47 सीटों में से बीजेपी ने सबसे ज्यादा 16 सीटें हासिल की थीं.

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छह महीने की कोश‍िश से प्याज बेल्ट में महायुत‍ि ने बदली तस्वीर, दाम ने बनाया कामप्याज बेल्ट में बीजेपी ने मारी बाजी

महाराष्ट्र में महायुति की जबर्दस्त वापसी हुई है. वापसी ऐसी कि महायुति के नेताओं को भी भरोसा नहीं था. खबर लिखे जाने तक महायुति को 230 से अधिक सीटें मिल रही हैं. महायुति के ही नेता अजित पवार ने बताया कि उन्हें 175 सीटें आने की उम्मीद थी. लेकिन जीत उससे लगभग दोगुनी तक पहुंच गई. इस जीत में उत्तरी महाराष्ट्र का बड़ा रोल है जहां नासिक क्षेत्र आता है. इस क्षेत्र पर सबकी निगाहें लगी थीं क्योंकि यह प्याज बेल्ट है और यहां से बड़ी संख्या में किसान आते हैं. शुरू में प्याज के दाम को लेकर किसानों में रोष देखा गया. लेकिन बाद में केंद्र सरकार ने प्याज के दाम ऐसे बढ़ाए कि किसान अपना रोष भूलकर थोक में महायुति को वोट दे आए. उसी वोट का नतीजा इस प्रचंड जीत के रूप में देखा जा रहा है.

उत्तरी महाराष्ट्र, देश के प्याज उत्पादन का गढ़ है. नास‍िक इसी क्षेत्र में है. यहां तीन सीटें आती हैं जहां बीजेपी ने अपनी जीत दर्ज की है. पूरे उत्तरी महाराष्ट्र की बात करें तो इस क्षेत्र में कुल 47 विधानसभा सीटें हैं. साल 2019 में इस क्षेत्र की कुल 47 सीटों में से बीजेपी ने सबसे ज्यादा 16 सीटें हासिल की थीं. इस बार भी अधिकांश सीटों पर महायुति का कब्जा होता दिख रहा है. चुनाव आयोग से अभी इस बारे में डिटेल नहीं मिली है, लेकिन रूझानों से साफ है कि महायुति का दबदबा कायम है.  

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प्याज पर एक्सपोर्ट बैन का प्रभाव

लोकसभा चुनाव के तीन चरण बीतने के बाद 4 मई 2024 को एक्सपोर्ट बैन खत्म क‍िया गया. इसके बाद क‍िसानों को प्याज का अच्छा दाम म‍िलना शुरू हुआ. यहां तक क‍ि महाराष्ट्र में क‍िसानों को र‍िकॉर्ड 7400 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल का थोक दाम म‍िला है. इसकी वजह से क‍िसानों की नाराजगी दूर हुई. यानी महायुत‍ि ने जब लोकसभा चुनाव में देखा क‍ि प्याज के दाम ग‍िराकर बहुत बड़ी गलती हुई है तो उन्होंने उसे सुधारने में देर नहीं लगाई. एक्सपोर्ट बैन खत्म करने के बाद करीब 6 महीने से क‍िसान प्याज का बहुत अच्छा दाम म‍िला है. ऐसे में उन्हें लगा क‍ि महायुत‍ि पर यकीन करना चाह‍िए. इसल‍िए उन्होंने जमकर वोट‍िंग की. 

यही नहीं, महाराष्ट्र के दूसरे उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने अगस्त में विधानसभा चुनाव से राज्यव्यापी दौरा क‍िया था. उसकी शुरुआत उन्होंने प्याज किसानों से माफी मांग कर की थी. पवार ने कहा था क‍ि "मैं मानता हूं कि प्याज एक्सपोर्ट पर बैन एक गलती थी और इसके लिए माफी मांग रहा हूं. प्याज एक्सपोर्ट पर फिर से बैन नहीं लगाया जाएगा. मैंने केंद्र सरकार को बता दिया है और हम राज्य सरकार में इस बात पर सहमत हैं कि प्याज एक्सपोर्ट पर कोई बैन नहीं लगाया जाएगा." कहा जा रहा है कि पवार की यह माफी काम कर गई और किसानों ने उनके वादे पर भरोसा कर थोक में वोट दे दिया.

कांदा एक्सप्रेस का दिखा कमाल

नासिक से चलने वाली कांदा एक्सप्रेस सबको याद है. यह वही रेलगाड़ी है जो नासिक और उससे सटे इलाकों का प्याज लेकर देश के दूसरे राज्यों में पहुंचाती है. इस प्याज को सरकार किसानों से खरीदती है, अपने स्टॉक में रखती है और उसे दूसरे राज्यों में सप्लाई के लिए इस्तेमाल करती है. इससे प्याज किसानों को बहुत फायदा हुआ क्योंकि सरकार ने महंगे रेट पर प्याज खरीदा और आम लोगों को सस्ते रेट पर मुहैया कराया. यह कांदा एक्सप्रेस अभी भी चल रही है और नासिक से प्याज की खेप लेकर देश के कोने-कोने में पहुंच रही है. नासिक के किसानों पर इसका भी बड़ा प्रभाव देखा जा रहा है.

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नासिक में इस बार जमकर वोटिंग हुई और इसका आंकड़ा 69.12 परसेंट तक पहुंच गया. वोटिंग का यह परसेंटेज सभी 15 विधानसभा क्षेत्रों में देखा गया. इसमें डिंडोरी सीट ने तो रिकॉर्ड बना दिया जहां 78 फीसद वोटिंग हुई. दूसरी ओर नासिक पश्चिम सीट पर 56.71 फीसद वोटिंग दर्ज की गई. अन्य सीटों की बात करें तो नंदगांव में 70.76, मालेगांव मध्य में 69.88, मालेगांव बाहरी में 67.75, बगलान 68.15, कलवान में 78.43, चंदवाड़ में 76.93, येवला 76.3, सिन्नर 74.85, निफाड़ 74.12, नासिक पूर्व 58.63, नासिक सेंट्रल 57.68, नासिक पश्चिम 56.71, देवलाली 63.39 और इगतपुरी 76.33 परसेंट वोटिंग हुई. कुल 50,61,185 मतदाताओं में से 34,98,258 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इनमें 18,41,381 पुरुष, 16,56,829 महिलाएं और 48 अन्य थे.

 

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