महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले चुनाव प्रचार अभियान तेज है. सभी दलों के नेता वोटरों को लुभाने में जुटे है. इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने राज्य में सत्ता में बैठी महायुति सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि महायुति सरकार ने किसानों की हालत खराब कर दी है. पिछले कुछ महीनों में कई किसान आत्महत्या कर चुके हैं. पनवेल में जनसभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट, हमारे पास 3 सीट थी, लेकिन इस बार हमें (कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी-एससीपी को) 30 सीटें मिलीं, क्योंकि हम एक साथ चुनाव लड़े.
इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए गरीबों को लूटने का आरोप लगाया. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा गरीबों को गरीब रखने के एजेंडे पर काम किया है. इन लोगों ने पीढ़ी दर पीढ़ी ‘गरीबी हटाओ' का झूठा नारा दिया और गरीबी मिटाने के नाम पर सिर्फ और सिर्फ गरीबों को लूटा है.
वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लेते हुए कहा कि मैंने अपने 53 साल के राजनीतिक करियर में किसी प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री को विधानसभा चुनाव में हर क्षेत्र में प्रचार करते नहीं देखा. उन्होंने आगे कहा, ''मैंने अपने करियर में 13 चुनाव लड़े और 2019 में एक को छोड़ दें तो सभी में जीत हासिल की इसके बाद, मैं राज्यसभा का सदस्य बन गया और वहां विपक्ष का नेता बन गया.'’
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राज्य में इस बार चुनाव में सोयाबीन और कपास के भाव एमएसपी से नीचे गिरने का मुद्दा भी छाया हुआ है. एक ओर जहां विपक्ष ने किसानों से चुनाव में जिताने पर उने मुद्दों पर ध्यान देने की बात कही है तो वहीं, आज पीएम मोदी ने महाराष्ट्र में सोयाबीन के लिए 6000 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी करने का ऐलान किया है. बहरहाल 20 नवंबर को होने वाले चुनाव के नतीजों में सामने आएगा कि जनता किसे चुनेगी.
बता दें कि महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को एक ही चरण में वोटिंग होगी और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी. ऐसे में सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) दोनों चुनाव प्रचार में एक-दूसरे पर पहले से कुछ ज्यादा ही हमलावर है और वोटर्स को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. (एएनआई)
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