रेसलर और अब कांग्रेस की उम्मीदवार विनेश फोगाट जोर-शोर से विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार में जुट गई हैं. इसी प्रचार के बीच उनकी बहन जो खुद एक रेसलर रह चुकी हैं, बबीता ने कांग्रेस के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा को परिवार में दरार डालने के लिए दोष दिया है. विनेश और बबीता चचेरी बहनें हैं. जहां विनेश कांग्रेस की नेता बन गई हैं तो वहीं बबीता भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ हैं. साफ है कि कहीं न कहीं पहलवानी छोड़ सियासी दंगल में आने वाली विनेश फोगाट को लेकर अब परिवार के अंदर भी सवाल उठने लगे हैं.
हाल ही में विनेश फोगाट ने कांग्रेस का दामन था और पार्टी ने उन्हें जुलाना सीट से अपना उम्मीदवार भी बना दिया है. लेकिन विनेश के इस फैसले से परिवार में नाराजगी देखने को मिल रही है. विनेश के इस फैसले पर महावीर फोगाट पहले ही नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. लेकिन अब इस लिस्ट में उनकी बहन बबीता फोगाट का नाम भी शामिल हो गया है.
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सियासत में आने के विनेश के फैसले पर नाखुशी जताते हुए बबीता फोगाट ने कहा, 'महाबीर फोगाट विनेश के टीचर हैं. विनेश को गुरु की बात माननी चाहिए थी. वह हमेशा अच्छी राह दिखाता है. लेकिन बहन विनेश फोगाट ने जल्दबाजी में फैसला लिया है. अगर वह खेल जारी रखती तो 2028 के ओलंपिक में गोल्ड पक्का आता. लेकिन भूपेंद्र हुड्डा फोगाट परिवार में फूट डालने मे कामयाब रहे. जनता उनको सबक सिखाएगी. कांग्रेस का फूट डालो राज करो का ही एजेंडा रहा है. हमेशा कांग्रेस ने परिवार तोड़ने का काम किया है.'
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महावीर फोगाट ने सोमवार को कहा था कि वह विनेश की राजनीति में आने के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा था कि मैं चाहता हूं कि उसको एक और ओलंपिक खेलना चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरी सोच थी कि वो (विनेश) 2028 के ओलंपिक की तैयारी करे और उसमें लड़े. एक ओलंपिक और लड़ना था. जो गोल्ड मेडल की उसकी जिद थी, उसे पूरा करना था. उन्होंने कहा कि आंदोलन किसी राजनीति से प्रेरित नहीं था.
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महावीर फोगाट ने कहा कि खिलाड़ियों को तब राजनीति में आना चाहिए, जब उनकी आस छूट जाए. विनेश एक ओलंपिक और लड़ सकती थी. उन्हें पहले ओलंपिक लड़ना चाहिए था, फिर राजनीति में आना चाहिए था.
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने पिछले हफ्ते कांग्रेस का दामन थाम लिया था. इससे पहले विनेश और बजरंग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात की थी.विनेश फोगाट हरियाणा के जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. वह चुनाव प्रचार में जुटी हैं. हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है. नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे.
(प्रदीप कुमार साहू की रिपोर्ट)
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