सर्दी के कहर से इंसान ही नहीं जानवर भी है परेशान ,ऐसे करें बचाव

सर्दी के कहर से इंसान ही नहीं जानवर भी है परेशान ,ऐसे करें बचाव

पालतू जानवर बेजुबान होते हैं. वह अपनी तकलीफों को बता नहीं पाते हैं. ऐसे में उनकी देखभाल करना जरूरी है. ठंड के मौसम में कोल्ड स्ट्रोक से पशुओं की मौतें भी होती हैं तो वही बड़ी संख्या में पशु बीमार हो जाते हैं. सर्दी में कैसे पशुपालक अपने पशुओं का बचाव करें

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सर्दी के कहर से इंसान ही नहीं जानवर भी है परेशान ,ऐसे करें बचावसर्दी में पशुओ का बचाव

पूरे उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. पहाड़ी राज्यों में जहां बर्फबारी हो रही है तो वहीं उत्तर प्रदेश का बड़ा हिस्सा शीतलहर की चपेट में है. नए साल के शुरुआत से ही मौसम का मिजाज बिगड़ चुका है. रात के समय सर्द हवाएं चलने से न्यूनतम तापमान में गिरावट हो रही है. आने वाले कुछ दिनों में सर्दी का सितम कम होने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में ठंड के इस मौसम में दुधारू पशुओं को कैसे बचाया जाए. इसका भी उपाय अब पशुपालक ढूंढने लगे हैं. पालतू जानवर बेजुबान होते हैं. वह अपनी तकलीफों को बता नहीं पाते हैं. ऐसे में उनकी देखभाल करना जरूरी है. ठंड के मौसम में कोल्ड स्ट्रोक से पशुओं की मौतें भी होती हैं तो वही बड़ी संख्या में पशु बीमार हो जाते हैं. सर्दी में कैसे पशुपालक अपने पशुओं का बचाव करें. इस पर किसान तक से बात करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के अधीक्षक अखिलेश दुबे ने बताया कि मवेशियों को जूट के बोरे को उनकी पीठ पर डालकर बांधे. ऐसे में जानवरों को गर्मी मिलती है. वही मवेशी जहां पर बांधे जा रहे हो उस स्थान को चारों ओर टाट पट्टी या तिरपाल बांध दे  जिससे कि अंदर का तापमान ऊंचा बना रहे. ऐसे ही कुछ खास तरीकों को अपनाकर पशुओं को ठंड से बचाव किया जा सकता है.

दुधारू पशुओं का सर्दी से ऐसे करें बचाव

दुधारू पशु किसानों के लिए एक बड़ी संपत्ति होते हैं. गीर, शाहिवाल के साथ-साथ भैंसों की कीमत काफी ऊंची होती है. ऐसे में शीतलहर के मौसम में पशुओं का ख्याल रखना काफी ज्यादा जरूरी हो जाता है. लखनऊ के कृषि विज्ञान केंद्र के अधीक्षक अखिलेश दुबे ने बताया कि पशुओं को जहां पर बांधा गया है वह स्थान  चारों ओर वालों की टाट या तीरपाल से घिरा होना चाहिये.  इसके साथ ही जहां पशु खड़े हो रहे हो वहां नमी न हो. पशुओं के आसपास अलाव जरूर जलाएं जिससे उन्हें गर्मी मिलेगी. खानपान में भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. ठंड के मौसम में पशुओं को गुनगुना पानी पिलाये. धूप होने पर ही उन्हें नहलाये. इसके अलावा हरा चारा और मक्के का सेवन जरूर कराएं, इससे पशुओं शरीर गर्म रहता है.


ठंड से बचाव के लिए पशुपालन विभाग की एडवाइजरी

सर्दी के मौसम में  गौशाला के पशुओं के बचाव के लिए पशुपालन विभाग ने एडवाइजरी भी जारी की है. एडवाइजरी के अनुसार पशुशाला या गौशाला में जल निकासी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. वही गौशाला में संरक्षित गोवंश को सर्दी से बचाने के लिए ताकि बोरिया, तीरपाल व ज्वार ,बाजरा की कड़वी टाट बांधकर  हवाओं से बचाव करें. सर्दियों में पशुओं को धूप में बांधे. पशुओं के बैठने के स्थान को सूखा रखने का प्रयास करें. पशुओं को स्वच्छ जल ही पिलाएं जो अधिक ठंडा ना हो. सर्दियों में रात के समय सूखा चारा खिलाएं.

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