यह खास गाय 'HF Cross' नस्ल की है. (Photo-Kisan Tak)देश के ग्रामीण अंचल में पारंपरिक रूप से किसान पशुपालन (Animal Husbandry) करते आए हैं. आज भी पशुपालन कृषि क्षेत्र की अच्छा मुनाफा देने वाली शाखा मानी जाती है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में उन्नत नस्ल की देसी गायों के पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. एक खास नस्ल की गाय बलिया में आकर्षण का केंद्र बन गई है. यहां मेले में 'HF Cross' नस्ल की गाय है जिसकी कीमत 1.5 लाख रुपए है. इस गाय की खास बात है कि यह हर मौसम को आसानी से सहन कर लेती है. बलिया जिले के निरूपुर निवासी किसान पारस नाथ यादव ने बताया कि यह गाय अभी पहली बार गर्भवती है. इस गाय की कीमत डेढ़ लाख रुपया है.
इस गाय के गर्भधारण का 20 नवंबर को 9 महीना हो जाएगा. यह गाय 'HF Cross' नस्ल की है. दरअसल, जब भी गाय पालन की बात आती है तो गिर नस्ल की गाय की चर्चा जरूर होती है. लेकिन 'HF Cross' नस्ल की गाय गिर गाय से ज्यादा दूध उत्पादन करने की क्षमता रखती है. आमतौर पर यह माना जाता है कि अच्छी परिस्थितियों में गिर गाय एक दिन में 10 से 15 लीटर दूध दे सकती है.
उन्होंने बताया कि इसका दूध 20-30 लीटर तक होने का अनुमान लगाया जा रहा है, क्योंकि इसकी मां 30 लीटर दूध देती थी. खिलाने-पिलाने में भी कोई तामझाम नहीं है. इसे जो मिलता है खूब चाव से खा लेती है. इसको गुड़, खरी, चोकर, भूसा और बरसीम चारा आदि ही खिलाया जाता है. सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये जल्द बीमार नहीं पड़ती है. अगर कुछ हुआ भी तो बहुत आसानी से जल्द ठीक हो जाती है. गर्मी या ठंडा हर मौसम को सहन कर लेती है. न कभी हांफने की समस्या न ही जीभ बाहर निकालने की दिक्कत होती है. अभी इसके केवल चार दांत हैं.
किसान पारस नाथ यादव बताते हैं कि बलिया के ऐतिहासिक और पौराणिक ददरी के पशु मेले में इस गाय के बेचने के लिए आए हैं. कई ग्राहक इस खास नस्ल की गाय को खरीदने के लिए बोली लगा रहे है, लेकिन 1.5 लाख रुपये से कम हम इस गाय को नहीं बेचेंगे. इसकी ऊंचाई 5 फुट 6 इंच है, जबकि यह 11 फुट लंबी है.
गाय के मालिक निरूपुर निवासी पारस नाथ ने बताया कि भैंस का दूध गाढ़ा होता है. इसमें वसा की मात्रा अधिक होती है, जिससे दही और पनीर बनाने के लिए यह अधिक उपयुक्त होता है. गाय का दूध आसानी से पच जाता है और इसमें कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. गाय पालन का काम भैंस पालन के मुकाबले सस्ता है. खासतौर पर अगर देसी नस्ल की गायों का पालन करें तो ज्यादा कमाई हो सकती है.
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