दूध में मिलावट है या नहीं, ये जांच करने के लिए घर के बुर्जुर्गों का अपना ही एक अलग तरीका होता था. उनका कहना था कि अगर दूध पर मलाई जमे तो जान लो कि दूध में मिलावट नहीं की गई है. यानि दूध पर जमने वाली मोटी मलाई इस बात की गवाह थी कि दूध एकदम प्योर है. लेकिन बकरी का दूध प्योर है या नहीं, या फिर उसमे गाय के दूध की मिलावट की गई है ये पता करने का एक अलग ही तरीका है. कई बीमारियों में बकरी का दूध दवाई की तरह से काम करता है.
खासतौर से डेंगू में. लेकिन लोगों की शिकायत है कि ज्यादा डिमांड के वक्त बकरी के दूध में गाय के दूध की मिलावट की जाती है. लेकिन केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मथुरा के साइंटिस्ट का कहना है कि घर पर ही मामूली सी जांच के बाद बड़ी ही आसानी से ये पता लगाया जा सकता है कि खरीदा गया दूध बकरी का है या नहीं.
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जैसा की हम ऊपर बता चुके हैं कि बुर्जुर्गों के मुताबिक गाय-भैंस का वो दूध प्योर माना जाता था जिस पर मलाई जमे. मतलब जितनी मोटी मलाई दूध के उतने ही प्योर होने की गारंटी. लेकिन बकरी के मामले में ये नियम उल्टा है. CIRG के एक्सपर्ट के बताते हैं कि अगर बकरी का दूध गर्म करते वक्त उस पर मलाई जमे तो समझ जाइए कि दूध में मिलावट की गई है. क्योंकि प्योर दूध में मलाई नहीं जमती है. वहीं दूसरा तरीका ये है कि गाय-भैंस के दूध के मुकाबले बकरी के दूध में बहुत तेज अजीब से स्मैल आती है. ये बकरी के दूध की बड़ी पहचान है. इसी की वजह से बहुत सारे लोग बकरी के दूध को पीना पसंद नहीं करते हैं. हालांकि अब बकरी का दूध कई तरह के फ्लेवर्ड में भी आ रहा है.
CIRG के एक्सपर्ट का कहना है कि बकरी के दूध की जांच देसी तरीके से उसकी स्मैल और मलाई से तो कर ली जाती है, लेकिन जल्द ही बाजार में एक किट आने वाली है. ये एक साइंटीफिक किट होगी. किट की मदद से बकरी के दूध की पहचान हो सकेगी. किट को बनाने का काम CIRG संस्थान ने ही किया है. टेक्नोजलॉजी तैयार होते ही किसी प्राइवेट कंपनी को ट्रांसफर कर दी जाएगी, और उसके बाद किट बाजार में आ जाएगी.
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