Animal Production: ये चार काम होने लगे तो सभी दुधारू पशु देंगे दूध, बढ़ जाएगा उत्पादन, जानें कैसे 

Animal Production: ये चार काम होने लगे तो सभी दुधारू पशु देंगे दूध, बढ़ जाएगा उत्पादन, जानें कैसे 

Animal Milk Production सेंट्रल बफैलो रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआईआरबी), हिसार, आईआईटी, रुढ़की बिल गेट्स फाउंडेशन संस्था मिलकर एक रिसर्च कर रहे हैं. इस रिसर्च से तैयार होने वाले सिस्टम से पशुओं पर बारीकी से नजर रखी जाएगी. लेकिन आमतौर पर भी पशुओं पर इस तरह की नजर रखी जाए तो उत्पादन को कम होने से रोका जा सकता है.  

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Animal Production: ये चार काम होने लगे तो सभी दुधारू पशु देंगे दूध, बढ़ जाएगा उत्पादन, जानें कैसे भैंस की टॉप 4 नस्लें

Animal Milk Production बेशक हम दूध उत्पादन में नंबर वन हैं, लेकिन एक हकीकत ये भी है कि भारत में दूध देने वाले पशुओं की संख्या विश्व के दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा है. लेकिन आज भी प्रति पशु दूध उत्पादन के मामले में हम काफी पिछड़े हुए हैं. हालांकि इसके भी दो बड़े कारण बताए जाते हैं, एक तो खुराक और दूसरा है क्लाइमेट चेंज. मौसम का भी पशुओं पर बड़ा असर पड़ता है. मौसम में जल्दी-जल्दी होने वाले बदलावों के चलते पशु तनाव में आ जाता है. और उस तनाव का असर पशु के दूध उत्पादन पर पड़ता है. हालांकि इस सब से निपटने के लिए सेंट्रल बफैलो रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआईआरबी), (हिसार), हरियाणा में एक खास रिसर्च चल रही है. 

सीआईआरबी को इस रिसर्च में आईआईटी, रुढ़की और बिल गेट्स फाउंडेशन संस्था मदद कर रही है. बफैलो साइंटिस्ट का कहना है कि अगर बिना रिसर्च की मदद के भी हम पशु से जुड़ी तीन-चार चीजों पर नजर रखें तो उसके दूध उत्पादन को घटने से रोका जा सकता है. इसके बाद पशुपालन से जुड़ी सभी तरह की परेशानियां कम हो जाएंगी. पशुपालन पर आने वाली लागत भी कम हो जाएगी. 

गाय-भैंस में खास होती है यूरिन की जांच 

सीआईआरबी के प्रिंसिपल साइंटिस्टर डॉ. अशोक बल्हारा का कहना है कि हम एक ऐसी डिवाइस तैयार कर रहे हैं जो भैंस के यूरिन की जांच करेगी. इस डिवाइस की मदद के लिए पशुपालक के मोबाइल में हमारे द्वारा तैयार की गई एक ऐप होगी. जब मोबाइल और डिवाइस दोनों एक-दूसरे की रेंज में होंगे तो डिवाइस द्वारा यूरिन का दिए जाने वाला डाटा उस ऐप पर अपडेट हो जाएगा. इस डाटा को एक्सपर्ट पढ़ेंगे और देखने के साथ ही पशुपालक को पशु के संबंध में एडवाइजरी जारी कर दी जाएगी. 

यूरिन से ली जाएंगी चार विषयों पर जानकारी 

डॉ. अशोक ने बताया कि जब डिवाइस से भैंस के यूरिन की जांच की जाएगी तो वो चार खास विषयों पर जानकारी मिलेगी. जैसे भैंस का खानपान, हैल्थ, पशु का व्यवहार और उसका गर्भकाल. अगर भैंस को रोजाना खिलाए जा रहे हरे-सूखे चारे और मिनरल्स में से किसी एक में भी कोई कमी है तो वो जांच में आ जाएगा और एक्सपर्ट बता देंगे कि भैंस को खाने में कब, क्या और कितना देना है. अगर भैंस का व्यवहार बदल रहा है और वो सामान्य व्यवहार नहीं कर रही है तो ये भी पता चल जाएगा. भैंस की हैल्थ से जुड़े सारे अपडेट भी इस डिवाइस की मदद से मिलते रहेंगे. साथ ही भैंस में अलग से कुछ सेंसर चिप भी लगाई जाएंगी. ये रिसर्च करीब पांच साल चलेगी और इसमे से दो साल भैंसों पर किए जाने वाले ट्रॉयल के भी शामिल रहेंगे. ये देश में अपने तरह की पहली रिसर्च है और विश्व में भी अभी तक इस स्तर पर ये रिसर्च शुरू नहीं हुई है.

क्या बोले एक्सपर्ट 

बफैलो साइंटिस्ट का कहना है कि जल्द ही एक ऐसा काम होने जा रहा है जिससे हर एक गाय-भैंस का दूध उत्पादन करीब चार गुना तक हो जाएगा. पशु बिना किसी परेशानी के बच्चा भी लगातार देंगे. और इसके लिए पशुपालक को हर रोज बस अपने पशु के यूरिन के बारे में छोटा सा काम करना होगा. 

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