Dairy Plan: महाराष्ट्र के 19 जिलों में NDDB की मदद से पशुपालकों को गाय-भैंस संग मिलेगा चारा

Dairy Plan: महाराष्ट्र के 19 जिलों में NDDB की मदद से पशुपालकों को गाय-भैंस संग मिलेगा चारा

Dairy Plan in Maharashtra महाराष्ट्र के खास जरूरतमंद 19 जिलों में राष्ट्रीय डेयरी विकास परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत के मौके पर पशुपालकों के लिए कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत की जाएगी. योजना के तहत पशुपालकों को गाय-भैंस, चारा, पशुपालन में इस्तेमाल होने वाली मशीनरी भी दी जाएगी. 

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Dairy Plan: महाराष्ट्र के 19 जिलों में NDDB की मदद से पशुपालकों को गाय-भैंस संग मिलेगा चाराडेयरी फार्म में बंधी गाय

Dairy Plan in Maharashtra महाराष्ट्र के कुछ खास इलाकों में पशुपालकों की बड़ी लाटरी लगी है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की मदद से सरकार पशुपालकों को कई बड़ी योजनाओं का लाभ देगी. योजना के तहत पशुपालकों को उच्च नस्ल की गाय-भैंस समेत चारा भी दिया जाएगा. एनडीडीबी के साथ इस काम में मदर डेयरी भी शामिल रहेगी. इस बात का फैसला हाल ही में नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और पर्यावरण एवं पशुपालन राज्य मंत्री पंकजा मुंडे के बीच हुई एक बैठक में लिया गया है. 

इसकी शुरुआत राष्ट्रीय डेयरी विकास परियोजना के दूसरे चरण के उद्घाटन के मौके पर होगी. बैठक के दौरान फैसला किया गया है कि इस योजना का लाभ खासतौर से विदर्भ के 11 जिलों और मराठवाड़ा के आठ जिलों के पशुपालकों को दिया जाएगा. 

आत्महत्यों वाले इलाकों में पशुपालकों को मिलेंगी सुविधाएं 

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली में हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि योजना के तहत पशुपालकों को साल के 12 महीने मिलने वाले चारा उत्पादन के लिए सब्सि डी दी जाएगी. साथ ही इलेक्ट्रिक चारा काटने वाली मशीन और साइलेज का वितरण किया जाएगा. उत्पादकता और इनकम बढ़ाने के लिए किसानों को आधुनिक डेयरी प्रबंधन पद्धतियों से अवगत कराने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाएगी. इन योजनाओं का फायदा महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा के पशुपालकों को खासतौर पर दिया जा रहा है.

गौरतलब रहे ये इलाके किसानों की आत्महत्याओं के लिए कुख्यात हैं. सरकार को उम्मीद है कि दूध व्यवसाय से इन इलाकों में कृषि संकट को दूर करने और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में मदद मिलेगी. इस योजना के तहत इस बात का भी खास ख्याल रखा जाएगा कि किसानों को ज्यादा दूध देने वाली गाय और भैंसें मिलेंगी, साथ ही दूध में वसा और एसएनएफ (ठोस-वसा रहित) की मात्रा बढ़ाने के लिए एनिमल ब्रीडिंग स्प्लीमेंट और डाइट एडिटिव्स भी दिए जाएंगे. 

सरकार ऐसे कर रही डेयरी किसानों की मदद 

केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी), भारत सरकार (जीओआई) की राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) योजना के तहत चलाई जा रही कृत्रिम गर्भाधान (एआई) परियोजना में मराठवाड़ा क्षेत्र के किसानों को गुणवत्तापूर्ण एआई सेवाएं देने के लिए 273 एआई केंद्र बनाए गए हैं. एआई केंद्रों ने अब तक पारंपरिक वीर्य का इस्तेमाल करके करीब दो लाख एआई और सेक्स सॉर्टेड सीमन का इस्तेमाल करके 12024 एआई किए हैं. इन एआई से अब तक क्षेत्र में 20,979 आनुवंशिक रूप से बेहतर बछड़ों ने जन्म लिया है.

दूध का लाभकारी मूल्य प्रदान करने और दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए तकनीकी इनपुट देने के लिए एनडीडीबी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड (एमडीएफवीपीएल) परिचालन क्षेत्र में नांदेड़ जिले के 247 गांव शामिल हैं. दूध संग्रह के बुनियादी ढांचे में 187 दूध पूलिंग पॉइंट, 15 बल्क मिल्क कूलर और एक मिल्क चिलिंग सेंटर शामिल किया गया है. महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि मराठवाड़ा क्षेत्र में डेयरी को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार साल 2023-24 और 2024-25 के दौरान “दुधारू पशुओं की आपूर्ति” को लागू कर रही है. केंद्र प्रायोजित योजना के तहत महाराष्ट्र राज्य सरकार के साथ साझेदारी में मंत्रालय द्वारा विभिन्न पशु रोगों का टीकाकरण किया जा रहा है.

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