Animal Diet: गर्भपात समेत गाय-भैंस को कई बड़ी बीमारियों से बचाती हैं ये दो खुराक, पढ़ें डिटेल 

Animal Diet: गर्भपात समेत गाय-भैंस को कई बड़ी बीमारियों से बचाती हैं ये दो खुराक, पढ़ें डिटेल 

हरा-सूखा चारा, मिनरल मिक्चर और दाना उत्पादन करने वाले पशुओं के लिए बहुत जरूरी होता है. गाय-भैंस हो या भेड़-बकरी सभी की रोजाना की खुराक में इसका शामिल होना बहुत जरूरी है. इससे जहां पशु अच्छा उत्पादन करते हैं, वहीं उनकी खुद की हैल्थ भी अच्छी रहती है. 

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Animal Diet: गर्भपात समेत गाय-भैंस को कई बड़ी बीमारियों से बचाती हैं ये दो खुराक, पढ़ें डिटेल भैंस खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

दुधारू पशु की दिनभर की दिनचर्या (एक्टिाविटी) के अलावा उत्पादन भी करना होता है. इ के लिए गाय-भैंस हो या भेड़-बकरी, सभी को कई तरह के विटामिन की जरूरत पड़ती है. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशु को ये विटामिन आमतौर पर हरे चारे से भरपूर मात्रा में मिल जाते हैं. पशु की जरूरत के अलावा उसे बीमारियों से बचाने के लिए भी विटामिन देना होता है. ये अगर रोजाना की खुराक में शामिल रहे तो और भी अच्छा है. क्योंकि, अगर विटामिन की कमी से होने वाली बीमारियों की बात करें तो विटामिन ए की कमी से ही बहुत सारी बीमारी हो जाती हैं. 

जैसे भैंसो में गर्भपात हो जाता है, अंधापन, चमड़ी का सूखापन, भूख की कमी, हीट में न आना और गर्भ का न रूकना जैसी बड़ी परेशानियां खड़ी हो जाती हैं. वहीं मिनरल मिक्चर अगर रोजाना की खुराक में सही तरह से शामिल नहीं किया गया है तो खासतौर पर पशुओं को हड्डियों, दांतों की बनावट और मजबूती अच्छे से नहीं मिल पाती है. यहां तक की दूध में फैट और एसएनएफ को बढ़ाने में भी मिनरल मिक्चर अहम रोल निभाते हैं.

जानें पशुओं के लिए कितना जरूरी है विटामिन और मिनरल मिक्चर

विटामिन–  

पशु की दिनभर की सामान्य क्रियाशीलता (एक्टिाविटी) के लिए उसे कई तरह के विटामिनों की जरूरत पड़ती है. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशु को ये विटामिन आमतौर पर हरे चारे से भरपूर मात्रा में मिल जाते हैं. जैसे विटामिन बी पशु के पेट में मौजूद सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा पर्याप्त मात्रा में मिलता रहता है. दूसरे विटामिन जैसे ए, सी, डी, र्इ और के पशुओं को चारे और दाने से मिल जाते हैं. अगर विटामिन की कमी से होने वाली बीमारियों की बात करें तो विटामिन ए की कमी से भैंसो में गर्भपात हो जाता है, अंधापन, चमड़ी का सूखापन, भूख की कमी, हीट में न आना और गर्भ का न रूकना जैसी परेशानियां खड़ी हो जाती हैं. 

खनिज लवण–

खनिज लवण (मिनरल मिक्चर) खासतौर पर हड्डियों, दांतों की बनावट और उन्हें मजबूती देने के काम आता है. दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने में भी मिनरल मिक्चर अहम रोल निभाते हैं. इनकी कमी से शरीर में कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं. कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, गंधक, मैग्निशियम, मैगनीज, लोहा, तांबा, जस्ता, कोबाल्ट, आयोडीन, सेलेनियम आदि पशु शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं. दूध उत्पादन की हालत में भैंस को कैल्शियम और फास्फोरस की बहुत ज्यादा जरूरत होती है. प्रसूति काल में इसकी कमी से पशु को मिल्क फीवर भी हो सकता है. दूध उत्पादन भी घट सकता है. बच्चे देने की दर में भी कमी आ सकती है. कैल्शियम की कमी के चलते गाभिन भैंस फूल दिखा सकती है.

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