केंद्र सरकार पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण योजना के तहत एक लाख दुधारू पशुओं पर एक मोबाइल पशु चिकित्सा वेन मुहैया कराती है. जरूरी दवाओं और चिकित्सक की मौजूदगी वाले इस मोबाइल अस्पताल को 'मोबाइल वेटनरी यूनिट' कहा जाता है. इस योजना को यूपी में सफल बनाने के लिए योगी सरकार ने मूल मंत्र बनाया है, 'जहां पशुधन हो बीमार, वहीं मिले उसे उपचार'. केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने पशु धन की देखभाल के प्रति यूपी सरकार को संजीदा बताया है. रुपाला ने यूपी के विशाल क्षेत्रफल और पशुधन की संख्या के लिहाज से यूपी के लिए 500 मोबाइल पशु अस्पताल देने की घोषणा की है.
डेयरी और पशुपालन क्षेत्र में संभावनाओं के विषय पर आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करते हुए रुपाला ने कहा कि यूपी के सर्वांगीण विकास के लिए आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (GIS23) योगी सरकार की कारगर पहल है. उन्होंने कहा कि इस तरह की समिट में आमतौर पर रियल स्टेट और आईटी सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश जुटाया जाता है, लेकिन योगी सरकार ने कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए निवेश जुटा कर सही मायने में यूपी को सर्वांगीण विकास की राह पर ले जाने की पहल की है. इसे अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बताते हुए रुपाला ने यूपी सरकार को 500 'मोबाइल वेटनरी यूनिट' देने का ऐलान किया.
केंद्र सरकार द्वारा 'पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना' के तहत निर्धारित मानकों के अनुसार एक लाख पशुधन पर एक मोबाइल वेटनरी यूनिट चलाई जाती है. यूपी के पशुधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में गाय और भैंस की संख्या 520.37 लाख है. इसके सापेक्ष राज्य सरकार को इस योजना के तहत 520 मोबाइल वेटनरी यूनिट संचालित करने के लक्ष्य को पूरा करना है.
पशुधन विभाग की ओर से बताया गया कि राज्य में इस योजना के पहले चरण में 150 मोबाइल वेटनरी यूनिट चलाई जा चुकी हैं. हालांकि इन यूनिट से अभी सिर्फ पशुओं के टीकाकरण का काम पूरा किया जा रहा है. पशुपालकों के दुधारू पशुओं को समय पर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने में हो रही देरी से बचने के लिए केंद्र सरकार ने यूपी को 500 मोबाइल वेटनरी यूनिट देने की घोषणा की है जिससे पशुधन विभाग में वाहनों की कमी को पूरा किया जा सके. इससे यूपी के पशुपालकों को घर पर ही पशु चिकित्सा सेवा मुहैया कराने का रास्ता आसान हो गया है.
इस सेवा का लाभ उठाने के लिए पशुपालकों को टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करनी होती है. फोन कॉल पर बताई गई लोकेशन के आधार पर मोबाइल पशु अस्पताल, बीमार पशु को निशुल्क इलाज मुहैया कराने पहुंच जाता है. प्रत्येक मोबाइल वेटनरी यूनिट में एक पशु चिकित्सक, पैरा वेटनरी स्टाफ का एक सदस्य और सहयोगी के रूप में वाहन चालक मौजूद होता है. मोबाइल वेटनरी यूनिट में पशु के रोगों की सामान्य जांच के अलावा पैथोलॉजी जांच करने और जरूरी दवा देने की सुविधा मौजूद रहती है.
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