Uttar Pradesh News: योगी सरकार में मत्स्य पालन मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद (Fisheries Minister Sanjay Nishad) ने इंडिया टुडे के किसान तक को दिए इंटरव्यू में कहा कि मछुआरों को भी किसानों की तर्ज पर बिजली बिल की माफी से लेकर अन्य योजनाओं का लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में जो सरकारी योजनाएं चल रही है. इसका सीधा फायदा अब मछली पालकों को भी मिलेगा. इस मामले में हमने बैठक बुलाकर सभी अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए है. मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद ने आगे बताया कि बिजली, मंडी, ट्रांसपोर्टेशन, पीएम कुसुम योजना समेत जितनी भी सरकारी सुविधा किसानों को मिल रही है. वो सुविधा अब मछली पालकों को भी मिलेगी. उन्होंने कहा कि जैसे किसानों को पीएम सम्मान निधि मिलती है, वैसे ही मछली पालने वालों को भी लाभ मिलना चाहिए. इसके लिए एक पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखने जा रहा हूं. अब मछली पालक भी कृषि के दायरे में आ जाएंगे.
दरअसल, मछली पालन करने वालों को पता ही नहीं था, कि सरकार के द्वारा कई योजनाएं चल रही है. जिसका सीधा अनुदान उनको मिल सकता है. मछली पालन के व्यावसाय से जुड़ी महिलाओं को 60 प्रतिशत का अनुदान मत्स्य विभाग के द्वारा दिया जा रहा है. जिससे ग्रामीण महिलाएं मछली पालन की तरफ बढ़कर लाखों का मुनाफा और साथ ही आत्मनिर्भर भी बन सकें. मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद बताते हैं कि मत्स्य विभाग की नीली क्रांति योजना के तहत तालाब खोदने के लिए 60% का अनुदान दिया जा रहा है. वहीं मत्स्य विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ आज प्रदेश के हजारों मछली पालकों को हो रहा है.
मंत्री संजय निषाद ने बताया कि मत्स्य विभाग उन्हें अनुदान और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराता है. मछली के अंडों से बीज विकसित करने और तालाब बनाकर मछली पालन दोनों ही योजनाओं को विभाग प्रोत्साहित करता है, ज्यादा अनुदान देकर महिलाओं को इस कार्य के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से लाभार्थियों का चयन किया जाता है और निदेशालय के माध्यम से उनका आवेदन भारत सरकार के पास भेजा जाता है इसके बाद उन्हें अनुदान का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है. आज मछली पालन से भी किसान अब अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं.
अब आप किसान अगर मछली पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं. तो सबसे पहले आपको मछली पालन की ट्रेनिंग लेना जरूरी है. यह आपके व्यवसाय के बहुत काम आ सकती है. इसके बाद छोटे तालाब में मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया जा सकता है. छोटे तालाब बनाने में खर्च काफी काम आता है लेकिन इससे मुनाफा अच्छा कमाया जा सकता है.
अगर किसी के पास गांव में खाली जमीन पड़ी है. तो जमीन खरीदने का उसका खर्चा बच सकता है. मछली पालन के व्यवसाय के लिए एक्सपर्ट की मानें तो छोटे तालाब बनवाने में ₹50000 तक का खर्चा आ सकता है. तालाब में बीज डालने के 1 महीने बाद ही मछली तैयार हो जाती है. मछली पालन साल के 12 महीने फायदा देने वाला कारोबार है. मछलियों की बिक्री से मुनाफा भी खूब होता है.
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