Murrah Milk: ज्यादा और कम दूध देने वाली भैंसों की ऐसे तैयार की जाती है खुराक, पढ़ें एक्सपर्ट टिप्स 

Murrah Milk: ज्यादा और कम दूध देने वाली भैंसों की ऐसे तैयार की जाती है खुराक, पढ़ें एक्सपर्ट टिप्स 

Murrah Milk Production मुर्रा भैंस मूल रूप से हरियाणा की है, लेकिन अब ये देश के ज्यादातर राज्यों में पाली जा रही हैं. राज्य सरकारें भी योजना के तहत पशुपालकों को मुर्रा नस्ल की भैंस दे रही हैं. इसकी बड़ी वजह मुर्रा का दूध उत्पादन है. इसके लिए मुर्रा की खुराक पर भी खास ध्यान दिया जाता है. 

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Murrah Milk: ज्यादा और कम दूध देने वाली भैंसों की ऐसे तैयार की जाती है खुराक, पढ़ें एक्सपर्ट टिप्स  मुर्रा भैंस

Murrah Milk Production गुरु अंगद देव वेटनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना में दो दिन पहले पशुपालन मेले का आयोजन किया गया था. मेले में कई अलग-अलग नस्ल की गाय-भैंस की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी. लेकिन इस मौके पर कुछ ऐसी भैंस भी थीं जो रोजाना 25 से 28 लीटर तक दूध देती हैं. इन भैंसों को देखने के लिए मेले में सुबह से शाम तक भीड़ जुटी हुई थी. मुर्रा नस्ल की ये भैंस मेले का आकर्षण बनी हुईं थी. बफैलो एक्सपर्ट का कहना है कि दूध उत्पादन क्षमता को देखते हुए हरियाणा से मुर्रा भैंस खरीदने वालों में सबसे बड़ी संख्या अलग-अलग राज्य की सरकारों की है. 

मुर्रा भैंस का दूध उत्पादन पूरी तरह से खुराक पर निर्भर होता है. भैंस ज्यादा दूध देने वाली हो या फिर कम, उसी हिसाब से उनकी खुराक तय की जाती है. गौरतलब रहे गडवासु में 28.7 लीटर दूध देने वाली मुर्रा नस्ल की भैंस है. हालांकि यूनिवर्सिटी का कहना है कि वो रिकॉर्ड का दावा तो नहीं करती है, लेकिन इतना दूध देने वाली मुर्रा नस्ल की यह पहली भैंस है. 

ज्यादा दूध उत्पादन के लिए ये है मुर्रा की खुराक 

बफैलो एक्सपर्ट की मानें तो आमतौर पर पशुपालक अपने पशु को तीन तरह का चारा अलग-अलग वक्त पर अलग-अलग तरीके से खिलाते हैं. जैसे सूखा चारा अलग देंगे, दाना अलग से खिलाएंगे. वहीं हरा चारा खासतौर पर शाम के वक्त  अलग से खाने के लिए देंगे. लेकिन हम लोग ऐसा नहीं करते हैं. गाय-भैंस ज्यादा दूध देने वाले हों या फिर कम दूध, खाने का तरीका एक ही रहता है. यह बात अलग है कि दूध की मात्रा के मुताबिक चारे की मात्रा कम-ज्यादा होती रहती है. अगर हम 28 लीटर दूध देनी वाली मुर्रा भैंस की बात करें तो हम सभी तरह का दाना और चारा मिक्स करके सानी की शक्ल में इसे खिलाते हैं. जैसे अगर हम मक्का या चुकंदर का सूखा (साइलेज) चारा दे रहे हैं या फिर कोई दानेदार फीड और हरा चारा, सभी को एक साथ मिलाकर उसकी सानी बना लेते हैं. फिर उस सानी को इन्हें खाने के लिए दे दिया जाता है. 

80 हजार रुपये से शुरू होती है मुर्रा की कीमत

टेंडर के माध्यम से राज्य सरकारें जो मुर्रा भैंस की खरीद करती हैं उनकी कीमत औसत 80 हजार से एक लाख रुपये तक आती है. जबकि मुर्रा भैंस के जो खरीदार सीधे आते हैं उन्हें एक मुर्रा भैंस एक लाख से लेकर सवा लाख रुपये तक की पड़ती है. हरियाणा से बड़ी संख्या में मुर्रा भैंस खरीदने वालों में यूपी, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्या प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और बिहार के लोग होते हैं. मुर्राह भैंस के सौदे करने ज्यादातर कारोबारी सीधे हरियाणा आते हैं. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकार सबसे ज्यादा मुर्रा भैंस खरीदती है. रोहतक, हरियाणा से बड़ी संख्या में मुर्रा भैंस आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जाती हैं. 2009 तक स्पेशल ट्रेन से भैंसे दूसरे राज्यों को भेजी जाती थीं, लेकिन अब ट्रक से भेजी जाती हैं. सबसे ज्या‍दा मुर्रा भैंस जींद, पानीपत, रोहतक, हिसार, भिवानी, महेन्द्र गढ़, नारनौल और झज्जर में पाई जाती हैं.

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