Cow Care: सर्दियों में आम हैं गायों की ये बीमारियां, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं इलाज 

Cow Care: सर्दियों में आम हैं गायों की ये बीमारियां, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं इलाज 

Cow Care in Winter गाय को होने वाली आम बीमारियां पशुपालक की लागत को बढ़ा देती हैं. क्योंकि गाय की मामूली सी बीमारी का असर भी उसके दूध उत्पादन को कम कर देता है, जबकि उस हालत में भी गाय चारा यानि अपनी खुराक उतनी ही खाती है.

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Cow Care: सर्दियों में आम हैं गायों की ये बीमारियां, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं इलाज तस्करों ने रात के अंधेरे में अलग-अलग इलाकों से 6 गायों को पिकअप गाड़ी में डालकर चोरी कर लिया. (Photo: Representational)

Cow Care in Winter गाय-भैंस को होने वाली बीमारियों में कुछ मौसमी भी होती हैं. जैसे जो मौसम के साथ आती हैं. अब अगर सर्दियों का मौसम शुरू होने जा रहा है तो इसके साथ ही कुछ बीमारी भी आएंगी. क्योंकि दुधारू पशु गाय-भैंस हो या भेड़-बकरी देखभाल में जरा सी भी लापरवाही होने पर पशु बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. ये छोटी-बड़ी हर तरह की बीमारी होती हैं. इसमे से कुछ ऐसी बीमारी होती हैं जिनका इलाज पशु डॉक्टर ही कर सकता है. लेकिन एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक कुछ छोटी-छोटी ऐसी बीमारियां हैं जिनका इलाज घर पर घरेलू तरीके अपनाकर किया जा सकता है. 

गायों में होने वाली कुछ ऐसी ही आम बीमारियों और उनके घरेलू उपाय के बारे में एक्सपर्ट कुछ टिप्स हम यहां बता रहे हैं. आम बीमारियों के ये उपाय अगर रोजमर्रा की दिनचर्या में भी शामिल कर लिए जाएं तो गायों की बहुत सारी बीमारियां पास भी नहीं आएंगी.

निमोनिया

किसी भी पशु को निमोनिया बहुत परेशान करता है. डॉक्टनरों की मानें तो पानी में बहुत ज्यालदा देर तक भीगने की वजह से निमोनिया होता है. निमोनिया होने पर गाय का तापमान बढ़ जाता है, सांस लेने में दिक्कत होती है और उसकी नाक बहने लगती है. गाय में ये लक्षण दिखने पर उबलते पानी में तारपीन का तेल डालकर उसकी भांप पशु को सुंघानी चाहिए. इसके साथ ही पशु के पंजार में सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करनी चाहिए. गाय को सर्दी के मौसम में निमोनिया से बचाने के लिए उसके शेड में गर्मी करनी चाहिए.

दस्त और मरोड़

गाय को दस्त और मरोड़ होने पर वो पतला गोबर करने लगती है. डॉक्टिरों का कहना है कि किसी भी पशु को इस तरह की परेशानी तब होती है जब पशु के पेट में ठंड लग जाए. अगर ऐसा होता है तो इस दौरान गाय को हल्का आहार देना चाहिए जैसे चावल का माड़, उबला हुआ दूध, बेल का गुदा आदि. वहीं साथ ही बछड़े या बछड़ी को दूध कम पिलाना चाहिए.

जेर का ना निकलना

गाय के प्रसव के बाद जेर पांच घंटे में गिर जानी चाहिए. अगर ऐसा न हो तो गाय दूध भी नहीं देती. अगर ऐसा हो तो फौरन ही पशुओं के डॉक्ट र से सलाह लेकर जेर से जुड़े उपाय अपनाने चाहिए. इसके साथ ही पशु के पिछले भाग को गर्म पानी से धोना चाहिए. और ख्यासल रहे कि किसी भी हाल में जेर को ना तो हाथ लगाएं और ना ही जेर को खींचने की कोशिश करनी चाहिए.

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