Poultry India ExpoPoultry India Expo: अभी सबसे ज्यादा अंडा खाड़ी देशों को एक्सपोर्ट होता है. ओमान और यूएई समेत खाड़ी के कई देश भारत से लगातार अंडा खरीदते हैं. बीते कुछ साल से रूस और यूक्रेन वॉर शुरू होने के बाद से कई और देश भी भारत से अंडा खरीदने आए थे. हालांकि वो ज्यादा लम्बे वक्त तक बाजार में नहीं टिके. इसी तरह से अमेरिका ने भी टैरिफ इश्यू से पहले भारत से एक करोड़ अंडों की खरीद की थी. हालांकि इस सब के बावजूद पोल्ट्री एक्सपर्ट ऐग एक्सपोर्ट बढ़ने का दावा कर रहे हैं. पोल्ट्री इंडिया एक्सपो 2025 में आए पोल्ट्री एक्सपर्ट की कोशिश है कि अंडों का उत्पादन बढ़े. एक्सपो का आयोजन हैदराबाद में किया जा रहा है. अभी ये 28 नवंबर तक चलेगा.
उनका कहना है कि आने वाले चार से पांच साल में भारत से ऐग एक्सपोर्ट 200 से 300 करोड़ अंडों पर पहुंचने की पूरी उम्मीद है. क्योंकि इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि दुनियाभर में सबसे सस्ता अंडा भारत बेच रहा है. जबकि वॉर और बीमारियों के चलते कई देशों में अंडे की कमी के साथ ही उसके दाम भी आसमान छूने लगे हैं. लेकिन इस सब का फायदा उठाने के लिए ये जरूरी है कि देश में हो रहे अंडा उत्पादन की क्वालिटी सुधारी जाए.
पोल्ट्री इंडिया के कार्यक्रम में आए यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के प्रेसिडेंट नवाब अकबर अली ने किसान तक को बताया कि भारत में बिकने वाला सस्ता अंडा ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है. इसी वजह से दूसरे देश भारत अंडा खरीदने आते हैं. लेकिन बीते कुछ वक्त से हमारे यहां अंडे की लागत बढ़ रही है. इसकी बड़ी वजह है पोल्ट्री फीड का महंगा होन और फीड महंगा हो रहा है मक्का के चलते. मक्का के दाम बढ़ रहे हैं. जबकि पोल्ट्री फीड में मक्का का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. अगर हम 20 रुपये किलो कीमत वाला बाहर का मक्का मिले तो हमारा अंडा एक्सपोर्ट को दो सौ से तीन सौ करोड़ तक जा सकता है. और इसमे ज्यादा वक्त भी नहीं लगेगा. इतना ही नहीं अंडे की क्वालिटी में सुधार लाने के लिए अगर रणनीति बनाकर काम किया जाए तो अंडा एक्सपोर्ट बढ़ाने में खासी मदद मिलेगी.
पोल्ट्री से जुड़े सभी कार्यक्रम में मक्का का मामला उठाया जाता है. हैदराबाद में चल रहे पोल्ट्री इंडिया के एक्सपो में भी मक्का का मुद्दा उछल रहा है. ऐसा नहीं है कि पोल्ट्री के कार्यक्रमों में ही इस पर चर्चा होती है. पोल्ट्री से जुड़ी सभी एसोसिएशन पशुपालन और डेयरी मंत्री और सचिव से या तो मिल चुकी हैं या पत्र लिख चुके हैं. सभी को पोल्ट्री फीड में इस्तेमाल होने वाली मक्का और सोयामील के हालात से अवगत कराया जा चुका है. इस परेशानी को दूर करने के लिए कुछ मांगें भी रखी जा चुकी हैं. एसोसिएशन का कहना है कि जब बाजार में मक्का का रेट न्यूनत्तम समर्थन मूल्य (MSP) से 10 फीसद ज्यादा हो तो मक्का इंपोर्ट करने की अनुमति दी जाए.
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