Pushkar Pashu Mela: ऊंटों के रैले से शुरू हुआ पुष्कर पशु मेला, पहले दिन ही बिके 30 लाख के ऊंट, 42 लाख के घोड़े

Pushkar Pashu Mela: ऊंटों के रैले से शुरू हुआ पुष्कर पशु मेला, पहले दिन ही बिके 30 लाख के ऊंट, 42 लाख के घोड़े

पुष्कर (अजमेर), राजस्थान में पशुओं के सबसे बड़े मेले की शुरुआत हो चुकी है. 15 नवंबर तक इस मेले का आयोजन किया जाएगा. पशुओं की बिक्री के साथ ही मेले में हर रोज कई तरह की प्रतियोगिताएं भी होंगी. इसमें खास ऊंट नृत्य और ऊंटों के सोलह श्रृंगार की प्रतियोगिता होती है. मेला देखने बड़ी संख्या में विदेशी भी आते हैं. 

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Pushkar Pashu Mela: ऊंटों के रैले से शुरू हुआ पुष्कर पशु मेला, पहले दिन ही बिके 30 लाख के ऊंट, 42 लाख के घोड़ेपुष्कर पशु मेले का प्रतीकात्मक फोटो.

हर साल लगने वाले पुष्कर पशु मेले का इंतजार जितना देश के लोगों को रहता है उतना ही विदेश में भी रहता है. खासतौर पर ऊंट और घोड़ों के लिए पुष्कर पशु मेले की पहचान होती है. मेले का उद्घाटन हो चुका है. एक बार फिर सालों पुरानी परंपरा से मेले की शुरुआत हुई. हालांकि इस पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन ऊंटों के रैले से सात दिन लगने वाले मेले की शुरुआत हो चुकी है. जैसे ही मेला शुरू हुआ वैसे ही पशुओं की खरीद-फरोख्त भी शुरू हो गई. पहले दिन ही 72 लाख रुपये के 227 पशु बिक गए. 

मेले में ऊंटों से ज्यादा घोड़े आए हैं. पहली बार पुंगनूर गाय भी आई हैं. उद्घाटन तक मेले में गधों की एंट्री नहीं हुई है. मेले में हर साल ऊंट नृत्य और ऊंटों के सोलह श्रृंगार की प्रतियोगिता खासतौर पर विदेशि‍यों के आकर्षण का केन्द्र रहती है. इसे देखने के साथ ही विदेशी पत्रकार कवर करने भी आते हैं. मेले में देसी बनाम विदेशी का फुटबाल मैच भी रखा गया है. 

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घोड़ों के मुकाबले कम आए ऊंटों को देख बढ़ी परेशानी

मेले के आयोजन से जुड़े विभागों के आंकड़े बताते हैं कि मेले में ऊंटों से जयादा घोड़े आए हैं. मेले की शुरुआत होने तक ग्राउंड में पहुंचने वाले घोड़ों की संख्या 4262 थी. तो वहीं ऊंटों की संख्या 3116 ही रह गई है. इसे एक बड़ी परेशानी के रूप में देखा जा रहा है. जबकि इस साल यूएनओ की ओर से कैमलिड्स ईयर 2024 मनाया जा रहा है. ऊंटों को बचाने के लिए यूएनओ की ओर से इसकी घोषणा की गई थी. इतना ही नहीं साल 2019 की पशुगणना के मुताबिक भी ऊंटों की संख्या तेजी से घट रही है. रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले ऊंट राजस्थान में ही कम हो गए हैं. 

जानें 15 नवंबर तक क्या होगा मेले में

आज यानि 10 नवंबर को मेले में देसी बनाम विदेशी के बीच लंगड़ी टांग और गिल्ली डंडा प्रतियोगिता होगी. वहीं ऊंट नृत्य और ऊंटों के सोलह श्रृंगार की प्रतियोगिता भी होगी. 11 नवंबर को देसी बनाम विदेशी के बीच कबड्डी प्रतियोगिता होगी. साथ ही घोड़ों की नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा. 12 नवंबर को मादा अश्व (घोड़ी) प्रतियोगिता के साथ ही एक आध्यात्मिक पदयात्रा निकाली जाएगी. 13 नवंबर को नर अश्व (घोड़ा) प्रतियोगिता, लगान मूवी की स्टाइल में देसी बनाम विदेशी के बीच किक्रेट मैच होगा, शान ए मूंछ, विदेशि‍यों की तिलक और साफा प्रतियोगिता होगी, संकर नस्ल, गिर गाय और भैंस प्रतियोगिता होगी. 

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14 नवंबर को ऊंट प्रतियोगिता, मेले का सर्वश्रेष्ठ पशु घोषि‍त होगा, रेत कला और मटका दौड़ प्रतियोगिता होगी. 15 नवंबर को मेले का सबसे बड़ा आकर्षण ऊंट परेड होगी. खास बात ये है कि ये सभी प्रतियोगिताएं सुबह से दोपहर तक होंगी और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. कार्यक्रम के दौरान 10 नवंबर को फ्यूजन म्यूजिक, अनिरूद्ध वर्मा, मुंबई, 11 नवंबर डेजर्ट सिम्फनी, पदमश्री अनवर खां, 12 नवंबर भजन संध्या, पदमश्री अनूप जलोटा, 13 को बेस्ट ऑफ राजस्थान, पदमश्री गुलाबो सपेरा और 14 नवंबर को कैलाश खेर नाइट होगी. 15 नवंबर को आरती संग मेले का समापन हो जाएगा.    

 

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