पंजाब में पोल्ट्री की संख्या दोगुनी हुई, पशुपालन में लोगों की बढ़ी रुचि

पंजाब में पोल्ट्री की संख्या दोगुनी हुई, पशुपालन में लोगों की बढ़ी रुचि

पंजाब में पोल्ट्री पालन अब एक मजबूत और लाभदायक व्यवसाय बनकर उभरा है. यह न केवल किसानों को आय का नया स्रोत दे रहा है, बल्कि पशुपालन के क्षेत्र में भी नई दिशा प्रदान कर रहा है. अगर यही रफ्तार बनी रही, तो आने वाले समय में पोल्ट्री बिजनेस राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन सकता है.

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पंजाब में पोल्ट्री की संख्या दोगुनी हुई, पशुपालन में लोगों की बढ़ी रुचिपंजाब में पॉल्ट्री की संख्या हुई दोगुनी

पंजाब में पोल्ट्री पालन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. 21वीं पशुधन जनगणना की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में मुर्गियों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है. 2019 में हुई 20वीं पशुधन जनगणना में पोल्ट्री की संख्या जहां 1.76 करोड़ थी, वहीं अब यह बढ़कर 3.57 करोड़ हो गई है. 

पशुपालन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ने द ट्रिब्यून को बताया, यह तेजी से बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि लोग अब पारंपरिक पशुपालन से हटकर मुर्गी पालन जैसे व्यवसायिक विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं. खासकर ब्रॉयलर और लेयर मुर्गियों की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है.

क्यों बढ़ रही है पोल्ट्री की लोकप्रियता?

डॉ. गुरदित सिंह, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग ने बताया कि कई कारणों ने पोल्ट्री को बढ़ावा दिया है:

  • पिछले कुछ वर्षों में कोई बड़ी पक्षी बीमारी नहीं फैली.
  • अंडों के दाम अच्छे बने रहे जिससे किसानों को फायदा हुआ.
  • कॉन्ट्रैक्ट पोल्ट्री फार्मिंग (अनुबंध आधारित मुर्गी पालन) ने इस क्षेत्र को नया जीवन दिया.

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क्या है कॉन्ट्रैक्ट पोल्ट्री फार्मिंग?

एक पोल्ट्री फार्म मालिक ने बताया कि पहले वे 5,000 मुर्गियां पालते थे, अब 10,000 तक पाल रहे हैं. कंपनियां किसानों को दाना, दवाई, तकनीकी सहयोग और बाजार उपलब्ध कराती हैं, जबकि किसान जमीन, मेहनत और सुविधाएं देते हैं. इसके बदले में किसान को निश्चित पैसा या लाभ का हिस्सा मिलता है.

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सरकार की नजर में पोल्ट्री का महत्व

पशुपालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा, “पिछले 5 वर्षों में पोल्ट्री की संख्या दोगुनी हो गई है. यह दर्शाता है कि लोग अब खेती से जुड़े वैकल्पिक व्यवसायों में भी रुचि लेने लगे हैं.”

पशुपालन में गिरावट चिंता का विषय

हालांकि मंत्री ने इस बात पर चिंता जताई कि राज्य में गाय और भैंसों की संख्या में गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही ऐसे कदम उठाएगी जिससे पारंपरिक पशुपालन में फिर से जान डाली जा सके. इसके लिए जागरूकता अभियान और नई योजनाएं लाई जाएंगी.

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