पंजाब में पोल्ट्री पालन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. 21वीं पशुधन जनगणना की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में मुर्गियों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है. 2019 में हुई 20वीं पशुधन जनगणना में पोल्ट्री की संख्या जहां 1.76 करोड़ थी, वहीं अब यह बढ़कर 3.57 करोड़ हो गई है.
पशुपालन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ने द ट्रिब्यून को बताया, यह तेजी से बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि लोग अब पारंपरिक पशुपालन से हटकर मुर्गी पालन जैसे व्यवसायिक विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं. खासकर ब्रॉयलर और लेयर मुर्गियों की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है.
डॉ. गुरदित सिंह, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग ने बताया कि कई कारणों ने पोल्ट्री को बढ़ावा दिया है:
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एक पोल्ट्री फार्म मालिक ने बताया कि पहले वे 5,000 मुर्गियां पालते थे, अब 10,000 तक पाल रहे हैं. कंपनियां किसानों को दाना, दवाई, तकनीकी सहयोग और बाजार उपलब्ध कराती हैं, जबकि किसान जमीन, मेहनत और सुविधाएं देते हैं. इसके बदले में किसान को निश्चित पैसा या लाभ का हिस्सा मिलता है.
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पशुपालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा, “पिछले 5 वर्षों में पोल्ट्री की संख्या दोगुनी हो गई है. यह दर्शाता है कि लोग अब खेती से जुड़े वैकल्पिक व्यवसायों में भी रुचि लेने लगे हैं.”
हालांकि मंत्री ने इस बात पर चिंता जताई कि राज्य में गाय और भैंसों की संख्या में गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही ऐसे कदम उठाएगी जिससे पारंपरिक पशुपालन में फिर से जान डाली जा सके. इसके लिए जागरूकता अभियान और नई योजनाएं लाई जाएंगी.
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