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Punganur Cow: क्या है पुंगनूर नस्ल की गाय जिसे PM Modi ने अपने घर पर खाना खिलाया

Punganur Cow: क्या है पुंगनूर नस्ल की गाय जिसे PM Modi ने अपने घर पर खाना खिलाया

यह पहली बार नहीं है कि पीएम मोदी का गौ प्रेम सामने आया है. इससे पहले पिछले साल पीएम मोदी वारंगल शहर के भद्रकाली मंदिर में गौ सेवा करते नजर आए थे. तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि पीएम मोदी बड़े प्यार से गाय को गुड़ और घास खिला रहे हैं.

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पीएम मोदी ने गाय को खिलाया चारा पीएम मोदी ने गाय को खिलाया चारा

मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने आवास पर गायों को चारा खिलाते नजर आए. जैसे ही PM Modi ने ये तस्वीरें अपने सोशल मीडिया पर अपलोड कीं, तस्वीर देखकर लोग एक बार फिर PM Modi के फैन हो गए. हिंदू संस्कृति और सभ्यता के अनुसार शुभ दिन पर गौ माता की पूजा की जाती है और उन्हें चारा खिलाया जाता है. ऐसे में मकर संक्रांति के मौके पर PM Modi ने इस खास पुंगनूर किस्म की गाय को चारा भी खिलाया. तस्वीरें देखकर हर कोई इस खास किस्म की गाय के बारे में जानने को उत्सुक है. ऐसे में आइए पुंगनूर नस्ल की गाय के बारे में विस्तार से जानते हैं. 

पीएम मोदी का गौ प्रेम आया सामने

यह पहली बार नहीं है कि पीएम मोदी का गौ प्रेम सामने आया है. इससे पहले पिछले साल पीएम मोदी वारंगल शहर के भद्रकाली मंदिर में गौ सेवा करते नजर आए थे. तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि पीएम मोदी बड़े प्यार से गाय को गुड़ और घास खिला रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी के आसपास गायों का झुंड नजर आ रहा है. कभी एक साथ मुलाकात तो कभी घास लेकर पीएम मोदी पुंगनूर गायों को चारा खिलाते नजर आए.

मकर संक्रांति पर पीएम मोदी ने गाय को खिलाया चारा
मकर संक्रांति पर पीएम मोदी ने गाय को खिलाया चारा

क्या है पुंगनूर नस्ल की गाय?

आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में एक डॉक्टर ने 14 साल की अथक मेहनत के बाद पुंगनूर गाय की नस्ल में सुधार किया है. पुंगनूर को सबसे छोटी गाय का दर्ज प्राप्त है. इस वैद्य ने नस्ल सुधार के बाद ढाई फीट की पुंगनूर गाय विकसित की है. उन्होंने इस गाय का नाम मिनिएचर पुंगनूर रखा. हालाँकि, पुंगनूर की सामान्य ऊंचाई तीन से पांच फीट के बीच है. जबकि लघु पुंगनूर की ऊंचाई ढाई फीट तक होती है.  नस्ल सुधार के बाद तैयार इस ब्रीड को विकसित करने वाले वैद्य का नाम है डॉ. कृष्णम राजू. डॉ. राजू गौशाला चलाते हैं और इस गौशाला का नाम नाड़ीपति गोशाला है. 

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पुंगनूर गाय का इतिहास

'किसान तक' से बातचीत में डॉ. राजू ने बताया, जब पुंगनूर का जन्म होता है तो उसकी ऊंचाई 16 इंच से 22 इंच तक होती है. लेकिन लघु पुंगनूर की ऊंचाई 7 इंच से 12 इंच तक होती है. पुंगनूर 112 साल पुरानी नस्ल है जबकि मिनिएचर पुंगनूर को 2019 में विकसित किया गया था. डॉ. राजू के मुताबिक, असली पुंगनूर वैदिक काल में ऋषि वशिष्ठ और विश्वामित्र के समय में मौजूद था. लेकिन जैसे-जैसे जलवायु बदली और स्थान बदला, पुंगनूर की ऊंचाई बढ़ती गई. पहले पुंगनूर की ऊंचाई ढाई से तीन फीट होती थी और इसे ब्रह्मा नस्ल कहा जाता था. पुंगनूर नस्ल के दूध में वसा की मात्रा ज्यादा होती है. इसके अलावा यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गाय के दूध में आमतौर पर वसा की मात्रा 3 से 3.5 प्रतिशत तक होती है, जबकि पुंगनूर नस्ल के दूध में 8 प्रतिशत वसा होता है.

पुंगनूर गाय की औसत दूध उपज

पुंगनूर गाय की औसत दूध उपज 1-3 लीटर प्रतिदिन होती है. वहीं, यह एक दिन में लगभग 5 किलो चारा खाती है. पुंगनूर गाय की सबसे अच्छी विशेषता यह है कि यह नस्ल सूखा प्रतिरोधी होती है. पशुधन जनसंख्या-2013 के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में पुंगनूर गायों की संख्या सिर्फ 2,772 थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में पुंगनूर नस्ल के संरक्षण पर काफी काम हुआ है. वहीं, 2019 में की गई 20वीं पशुधन जनगणना और‍ एनबीएजीआर के मुताबिक, पुंगनूर गायों की संख्या 13275 है. ध्यान देने वाली बात यह है कि यह देश में सबसे कम संख्या वाली गायों की नस्लों में तीसरे स्थान पर है. अगर सबसे कम संख्या वाली गाय के नस्लों की बात करें तो बेलाही नस्ल की गायों की संख्या सबसे कम 5264 है. दूसरे नंबर पर पणिकुलम गायें है जिनकी संख्या 13934 है.