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Goat: बकरीद के लिए बकरे पाल रहे हैं तो सोशल मीडिया पर जरूर करें प्रचार, जानें वजह 

Goat: बकरीद के लिए बकरे पाल रहे हैं तो सोशल मीडिया पर जरूर करें प्रचार, जानें वजह 

आपका बकरा खूब मोटा-ताजा और तंदरुस्त है. अच्छी नस्ल  का है. कुर्बानी के सभी नियमों को पूरा करता है. देखने में भी खूबसूरत है. बकरे के दाम भी आपने बाजिव रखे हैं. लेकिन बकरे में इन खूबियों के साथ ही आप उसका प्रचार सोशल मीडिया पर नहीं कर रहे हैं तो फिर जल्द ही आपके बकरे बिकने में परेशानी आएगी. बकरों में तमाम खूबी होते हुए भी आपको बाजार-हाट के चक्कर लगाने होंगे. 

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बकरियों का प्रतीकात्मक फोटो. बकरियों का प्रतीकात्मक फोटो.

बकरीद पर लगने वाला कुर्बानी के बकरों का ऐसा बाजार है जो साल में एक बार आता है, लेकिन पूरे साल का धंधा चंद दिनों में ही हो जाता है. खास बात ये है कि इस बाजार में 12 हजार रुपये से लेकर एक-एक लाख रुपये की कीमत तक के बकरों की बिक्री आराम से हो जाती है. पशुपालक भी पूरे साल इसी बाजार के इंतजार में रहते हैं. लेकिन गोट एक्सपर्ट की मानें तो सिर्फ बकरा पालने से ही काम नहीं चलेगा. बकरा वक्त से अच्छे दाम पर बिक जाए इसलिए यह जरूरी है कि बकरों की मार्केटिंग भी की जाए. 

बाजार में बकरों की खूबियों को बताया जाए. बाजार में आप अच्छे बकरे बेच रहे हैं इसके लिए फार्म का प्रचार किया जाए. और अब तो यह काम सोशल मीडिया पर बहुत आसानी से और फ्री में भी हो जाता है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा भी इसकी ट्रेनिंग देता है. 

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जानें इस बारे में क्या कहते हैं सीआईआरजी के डायरेक्टर 

सीआईआरजी के डायरेक्टर मनीष चेतली ने किसान तक को बताया कि साइंटीफिक तरीके से बकरी पालन करने के साथ ही यह भी जरूरी है कि आप उसके लिए अच्छा बाजार तलाशे. या फिर बकरे-बकरी के ग्राहकों को अपने फार्म तक लेकर आएं. क्योंकि आपसे 50-100 किमी दूर बैठे ग्राहक को नहीं पता कि आपके फार्म की क्या क्वालिटी है. और न ही आपका फार्म सड़क किनारे किसी दुकान-शोरुम की तरह से है कि आते-जाते किसी की भी निगाह उस पर जाएगी. 

आज सोशल मीडिया के जमाने में अपने कारोबार का प्रचार करना बहुत ही आसान और फ्री का या यह कह लें कि ना के बराबर खर्च का है. आपको तो फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप पर बकरे और बकरी का फोटो डालकर दो-चार लाइन में उसकी खूबियों को लिखना है. फार्म की फोटो डालकर यह बताना है कि इस जगह बकरे और बकरियों का फार्म है. यहां बकरे-बकरी बिकते हैं. आज इस जरूरत को समझते हुए हम अपने संस्थान में ट्रेनिंग के लिए आने वाले किसान और पशुपालकों को भी यह सिखाते हैं.

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सोशल मीडिया पर बकरे का ऐसे करें प्रचार 

मनीष चेतली का कहना है कि अगर आप बकरा बेच रहे हैं तो उसकी खूबियां अलग होंगी और बकरी बेच रहे हैं तो उसकी अलग. जैसे बकरा बेचना है तो उसके बारे में आपको बताना होगा कि वो किस नस्ल का है. उसकी उम्र बतानी होगी. उसका वजन कितना है. प्योर नस्ल है तो वो बताना होगा, नहीं तो उसके मां-बाप के बारे में पूरी डिटेल शेयर करनी होगी. अगर बाजार में ईद के लिए बकरे खरीदे जा रहे हैं तो आपको उसके दांत कितने हैं या भी बताना होगा. बकरा चोटिल नहीं है और न ही उसके पैर, कान, पूछ कहीं से भी कटे हैं. उसके सींग भी कहीं से नहीं टूटे हैं. कुल मिलाकर बकरे की खूबसूरती बयां करनी होगी. क्योंकि चोटिल और कहीं से कटे बकरे की कुर्बानी नहीं होती है.