केंद्र सरकार, राष्ट्रीय पशुधन मिशन और राज्य सरकार के संयुक्त सहयोग से "जोखिम प्रबंधन और पशुधन बीमा योजना" पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के नाम से संचालित की जा रही है. इस योजना के तहत पिछले पांच वर्षों के लिए 3.90 इस योजना का मुख्य उद्देश्य लगभग 8.51 लाख पशुधन का बीमा करके राज्य के पशुपालकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना था. यह योजना आर्थिक नुकसान की भरपाई करने में पूरी तरह से मददगार साबित हुई है. इस योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 57.92 करोड़ रूपये की बीमा दावा राशि बीमा कम्पनी द्वारा पशुपालकों को वितरित की जा चुकी है और लगभग 9.25 करोड़ रूपये की बीमा दावा राशि का भुगतान किया जाना है.
वर्तमान में सरकार द्वारा पशुपालकों के हित को ध्यान में रखते हुए 15 माह की अवधि में न्यूनतम 6.0 लाख पशुधन बीमा के लक्ष्य के साथ इस योजना को पशुपालकों के लिए फिर से शुरू किया गया था.
इस योजना के अंतर्गत पशुपालक अपने पांच बड़े पशुओं और 50 छोटे पशुओं का बीमा करा सकते हैं. यानी एक पशुपालक कुल 5 यूनिट (1 बड़ा पशु = 1 यूनिट, 10 भेड़/बकरी = 1 यूनिट) का बीमा करवा सकता है. इसके साथ ही गौशालाएं अपने पांच पशुओं का बीमा भी करा सकती हैं. इस योजना के तहत पशुपालक अपने पशुओं का बीमा कम प्रीमियम दर पर एक वर्ष और तीन वर्ष के लिए करवा सकते हैं.
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पशुपालक जिन्होंने चालू वित्त वर्ष के दौरान किसी भी इंश्योरेश कम्पनी से यदि अपने पशुओं का बीमा करवा लिया है ऐसे पशुपालक भी पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं . आवेदक द्वारा ऑनलाइन आवेदन जमा करने की प्रक्रिया बहुत आसान है. पशुपालक जो इस योजना के तहत लाभ लेना चाहता है वह SARAL http://saralharyana.gov.in पोर्टल पर आवेदन कर सकता है. आवेदक स्वयं या फिर कामन सर्विस सेन्टर, अंत्योदय केन्द्र, अटल सेवा केन्द्र, ई-दिशा केन्द्र के माध्यम से अपना आवेदन जमा कर सकता है.
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