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Pig Farming: एक दिन में 500-600 ग्राम तक बढ़ जाता है सूअर का वजन, ये हैं सूअर पालन के 20 बड़े लाभ

Pig Farming: एक दिन में 500-600 ग्राम तक बढ़ जाता है सूअर का वजन, ये हैं सूअर पालन के 20 बड़े लाभ

सुअर पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिससे रोजगार के साथ-साथ अतिरिक्त आर्थिक लाभ भी कमाया जा सकता है. चीन में एक कहावत है 'अधिक सूअर - अधिक खाद - अधिक अनाज' अर्थात जिसके पास अधिक सूअर हैं उसकी खेती सबसे अच्छी है. सुअर पालन भारत में कई लोगों के लिए आय का एक अच्छा स्रोत रहा है, इसलिए व्यापार की दृष्टि से सुअर पालन भारतीय लोगों के लिए अच्छे और लाभदायक रोजगारों में से एक हो सकता है.

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सूअर पालन कर कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा सूअर पालन कर कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा

बढ़ती जनसंख्या के लिए भोजन की व्यवस्था करना बहुत जरूरी है. भोजन के रूप में अनाज, मांस, दूध, मछली, अंडे आदि का उपयोग किया जाता है. छोटानागपुर में, जहाँ सिंचाई के अभाव के कारण खेत से केवल एक ही फसल उगाना संभव है, किसान वर्ष के अधिकांश समय बिना रोजगार के रहते हैं. यह बेकार बैठना गरीबी का एक मुख्य कारण है. इस समय का सदुपयोग हम पशुपालन के माध्यम से कर सकते हैं. अत: पशुपालन ही गरीबी दूर करने में सफल हो सकता है. आदिवासी लोग मुर्गियां, सूअर, गाय, भैंस और बकरियां आवश्यक रूप से पालते हैं, लेकिन उन्नत नस्लों और उनके पालन के उन्नत तरीकों के अभाव में उन्हें पूरा लाभ नहीं मिल पाता है. सुअर पालन, जो आदिवासियों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, अगर इसे रोजगार के रूप में किया जाए तो यह अधिक लाभदायक हो सकता है.

आय का एक अच्छा स्रोत है सूअर पालन

सुअर पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिससे रोजगार के साथ-साथ अतिरिक्त आर्थिक लाभ भी कमाया जा सकता है. चीन में एक कहावत है 'अधिक सूअर - अधिक खाद - अधिक अनाज' अर्थात जिसके पास अधिक सूअर हैं उसकी खेती सबसे अच्छी है. सुअर पालन भारत में कई लोगों के लिए आय का एक अच्छा स्रोत रहा है, इसलिए व्यापार की दृष्टि से सुअर पालन भारतीय लोगों के लिए अच्छे और लाभदायक रोजगारों में से एक हो सकता है. मांस उत्पादन की दृष्टि से विश्व स्तर पर सूअरों की कई अच्छी नस्लें पाई जाती हैं.

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हर दिन 500-600 ग्राम तक बढ़ता है वजन

इनमें से कुछ नस्लें ऐसी हैं जो भारत की जलवायु के लिए उपयुक्त हैं, जिसके लिए उद्यमी किसी भी अच्छी नस्ल का चयन करके सुअर पालन शुरू कर सकता है. आपको बता दें एक दिन में सूअर का वजन एक दिन में 500-600 ग्राम तक बढ़ जाता है. जिस वजह से यह एक बेहतर विकल्प है. ऐसे में अब आइए जानते हैं सूअर पालन के 20 बढ़े लाभ के बारे में विस्तार से.

सूअर पालन के 20 बड़े फायदे

  1. सूअर किसी भी अन्य जानवर की तुलना में तेजी से बढ़ता है. सूअरों में खाने की क्षमता बहुत अधिक होती है, जिसका अर्थ है कि उनके पास अन्य जानवरों की तुलना में फ़ीड-से-मांस रूपांतरण दर बहुत बेहतर है. 
  2. सूअर अनाज, खराब भोजन, चारा, फल, सब्जियां, कचरा, गन्ना आदि सहित लगभग सभी प्रकार का भोजन खा सकता है. कभी-कभी वे घास और अन्य हरे पौधे या जड़ें भी खा सकता है.
  3. सूअर अन्य जानवरों की तुलना में जल्दी परिपक्व हो जाते हैं. मादा सुअर 8-9 महीने की उम्र में पहली बार माँ बन सकती है. वे साल में दो बार बच्चे पैदा कर सकते हैं. और प्रत्येक प्रसव में वे 8-12 बच्चों को जन्म देती हैं.
  4. सुअर पालन व्यवसाय स्थापित करना आसान है, और घर के निर्माण और उपकरणों की खरीद के लिए केवल छोटी पूंजी/निवेश की आवश्यकता होती है.
  5. सूअरों में कुल उपभोग योग्य मांस और कुल शरीर के वजन का अनुपात अधिक होता है. हम अपने उपभोग योग्य मांस का लगभग 60 से 80 प्रतिशत सूअरों से प्राप्त कर सकते हैं.
  6. सुअर का मांस सबसे पौष्टिक और स्वादिष्ट मांस में से एक है. इसमें फैट और ऊर्जा अधिक और पानी कम होता है.
  7. सुअर की खाद एक अच्छा और व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला उर्वरक है. आप इसका उपयोग खेत में फसल उत्पादन और तालाब में मछली पालन दोनों उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं.
  8. पोल्ट्री फ़ीड, पेंट, साबुन और रासायनिक उद्योगों में भी सुअर की चर्बी की भारी मांग है. और ये मांग लगातार बढ़ती जा रही है.
  9. सूअर तेजी से बढ़ते हैं और उनका आरओआई (निवेश पर रिटर्न) अनुपात बहुत अच्छा होता है. वे अन्य जानवरों की तुलना में वध की आयु तक पहले पहुंच जाते हैं.
  10. सूअर 7-9 महीने की उम्र में मांस के लिए उपयुक्त हो जाते हैं. इस अवधि के भीतर उनका विपणन योग्य वजन 70-100 किलोग्राम तक पहुंच जाता है.
  11. भारत में सुअर के मांस की अच्छी घरेलू मांग है और इसके अलावा आप सुअर के उत्पादों जैसे बेकन, हैम, लार्ड, पोर्क, सॉसेज आदि को विदेशों में निर्यात करके भी अच्छी आय कमा सकते हैं.
  12. सुअर पालन व्यवसाय छोटे और भूमिहीन किसानों, बेरोजगार, शिक्षित या अशिक्षित युवाओं और ग्रामीण महिलाओं के लिए आय का एक बड़ा अवसर हो सकता है. 
  13. इनकी विकास क्षमता काफी अच्छी होती है जबकि अन्य जानवरों की वृद्धि क्षमता 50 से 100 ग्राम प्रतिदिन होती है और सूअरों की वृद्धि क्षमता 500-600 ग्राम प्रतिदिन की दर से होती है.
  14. यह ग्रामीण बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का एक अच्छा स्रोत है.
  15. ये जानवर किसी भी वातावरण में खुद को आसानी से ढाल लेते हैं.
  16. इसे कम समय में काफी बढ़ाया जा सकता है और किसी भी स्तर पर अपनाया जा सकता है.
  17. सूअरों में अन्य जानवरों की तुलना में बहुत कम बीमारियाँ होती हैं, जिसके कारण उन्हें अपनाने में बहुत कम कठिनाइयाँ होती हैं और बीमारी के इलाज की लागत भी बहुत कम होती है.
  18. इस उद्योग में, विभिन्न श्रेणियों के जानवरों जैसे पिगलेट, गिल्ट (युवा सूअर), दूध छुड़ाने वाले सूअर, नर सूअर और कडली सूअर (मांस के लिए) को अच्छे दामों पर बेचा जा सकता है.
  19. इसके आवास के लिए सस्ते मकानों का उपयोग किया जा सकता है.
  20. इस बिजनेस में मुनाफा 30-50 फीसदी तक होता है.