Milk Production: सभी पशु क्यों नहीं देते दूध, क्यों नहीं बढ़ रहा प्रति पशु उत्पादन, ये है बड़ी वजह 

Milk Production: सभी पशु क्यों नहीं देते दूध, क्यों नहीं बढ़ रहा प्रति पशु उत्पादन, ये है बड़ी वजह 

Animal Milk Production हमारे देश में सभी पशु दूध नहीं देते हैं, जो देते हैं तो उनका दूध उत्पादन बहुत कम है. पशुपालक भी पशुओं की खुराक से ज्यादा उसके दूध उत्पादन पर ध्यान देते हैं. वजह महंगाई हो या फिर कुछ और, लेकिन पशुओं को उनकी पूरी पोषक खुराक नहीं मिल पा रही है. जिसका असर दूध के खुदरा दाम पर भी पड़ रहा है. 

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Milk Production: सभी पशु क्यों नहीं देते दूध, क्यों नहीं बढ़ रहा प्रति पशु उत्पादन, ये है बड़ी वजह दूध उत्‍पादकों के लिए खुशखबरी

Animal Milk Production दूध उत्पादन में भारत पहला नबंर पर है. लेकिन ये तब है जब हमारे देश में पशुओं की संख्या दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा है. एक आंकड़े के मुताबिक देश में 35 से 40 फीसद पशु ही दूध देते हैं. वहीं प्रति पशु दूध उत्पादन भी कम है. डेयरी न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ. दिनेश भोंसले ने किसान तक को बताया कि इसके पीछे बड़ी वजह पशुओं को पोषक खुराक का न मिलना है. एक दुधारू पशु को जितने हरे-सूखे चारे, दाना और मिनरल्स की जरूरत होती है वो उसे नहीं मिल पा रहा है. बाार में दूध के दाम बढ़ने के पीछे भी यही बड़ी वजह है कि चारे की लागत बढ़ गई है. 

एक्सपर्ट ने दूध उत्पादन न बढ़ने की क्या वजह बताई? 

  • डेयरी न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ. दिनेश भोंसले दूध उत्पादन न बढ़ने की कई वजह बताई हैं. 
  • साल 2024 में हमारे देश में 24 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ था. 
  • इसमे से 55 फीसद हिस्सेदारी भैंस की तो 45 फीसद गाय की है. 
  • कुल दूध उत्पादन में बकरी के दूध की हिस्सेदारी तीन फीसद है. 
  • हमारे देश में 30 करोड़ पशु दूध देने वाले हैं. 
  • लेकिन 30 करोड़ में से सिर्फ 10 करोड़ पशु ही दूध देते हैं. 
  • पशुपालक का पूरा ध्यान पशु से ज्यादा से ज्यादा दूध लेने पर रहता है. 
  • लेकिन पशुपालक दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुओं के खानपान पर ध्यान नहीं देते हैं. 
  • एक सामान्य गाय-भैंस को कम से कम 10 किलो हरा चारा चाहिए. 
  • वहीं हरे चारे के साथ पांच किलो सूखा चारा जरूर खिलाना चाहिए. 
  • अगर गाय-भैंस 10 किलो दूध देती है तो उसे कम से कम पांच किलो मिनरल मिक्चर चाहिए. 

क्या इसलिए भी नहीं बढ़ रहा है दूध उत्पादन?

  • इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आरएस सोढ़ी ने और भी कई वजह बताई हैं. 
  • हमारे देश में बहुत सारे लोग तीन-चार गाय-भैंस का पालन करते हैं. 
  • ऐसे में उनके दूध की कमाई का एक बड़ा हिस्सा चारे और मिनरल्स खरीदने में खर्च हो जाता है. 
  • मक्का और सोयाबीन के बढ़ते दाम किसी से छिपे नहीं हैं. 
  • मक्का-सोयाबीन खाने को ना दें तो पशु के दूध में अच्छी फैट नहीं आएगी. 
  • पशुपालक मिनरल्स की कमी को पूरा करने के लिए हरा चारा ज्यादा खि‍लाते हैं. 
  • न्यूट्रिशन एक्सपर्ट के मुताबिक ये तरीका गलत है. 
  • क्वालिटी दूध के लिए हरे-सूखे चारे और मिनरल्स की मात्रा दूध उत्पादन के मुताबिक देनी चाहिए. 
  • दूध की लागत भी दूध का उत्पादन बढ़ाकर ही कम की जा सकती है. 

निष्कर्ष- 

पशु से ज्यादा दूध सिर्फ हरा चारा खि‍लाने से नहीं मिलता है. जो पशु दूध नहीं दे रहा है उससे भी दूध लेने के लिए जरूरी है कि हरा-सूखा चारा, दाना और मिनरल्स खि‍लाए जाएं. ऐसे करके ही दूध उत्पादन बढ़ाया जा सकता है और दूध की क्वालिटी बढ़ाई जा सकती है. 

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