बीते दो साल में अंडा खरीदने के लिए कई नए देश भारत आए हैं. कई बड़ी वजह के चलते विदेशों में भारतीय अंडे पसंद किए जा रहे हैं. खासतौर पर रूस-उक्रेन वॉर के बाद से ऐसे ग्राहकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन अफसोस की बात ये है कि एक्सपोर्ट के लिए अंडों की ये खरीद गिने-चुने राज्य जैसे नमक्कल, (तमिलनाडू), आंध्रा प्रदेश और तेलंगाना से ही होती है. इनमे भी सबसे ज्यादा खरीदारी नमक्कल से ही होती है. इसी को देखते हुए केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने एक पहल शुरू की है. इस पहल के तहत डिजीज फ्री कंटेनमेंट जोन बनाने की तैयारी चल रही है.
अच्छी बात ये है कि कई राज्यों में कंटेनमेंट जोन बनाए भी जा चुके हैं. और ये सब हो रहा है अंडा एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए. जिसका फायदा एक-दो नहीं एक दर्जन से ज्यादा राज्यों को मिलेगा. इसे ऐसे भी मान सकते हैं कि अगर दक्षिण भारत से अंडे एक्सपोर्ट हो रहे हैं तो इसका बड़ा फायदा राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, यूपी और मध्य प्रदेश के पोल्ट्री फार्मर को भी मिलेगा. गौरतलब रहे देश में हर रोज करीब 25 करोड़ अंडों का कारोबार होता है. बीते साल ही देश में 14 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन हुआ था.
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पोल्ट्री फार्मर और एक्सपर्ट मुश्ताक अहमद का कहना है कि दक्षिण भारत के कई राज्यय खासतौर से नमक्कल, (तमिलनाडू), आंध्रा प्रदेश और तेलंगाना नॉर्थ-ईस्ट के सभी राज्यों में अंडा सप्लाई करते हैं. ऐसे में अगर यहां से अंडा एक्सपोर्ट भी हो रहा है तो कहीं ना कहीं नॉर्थ-ईस्ट यानि असम, मेघायल, त्रिपुरा, नागालैंड और मणिपुर आदि राज्यों की डिमांड को पूरा करने के लिए ऊपर बताए गए पांच राज्यों से अंडा खरीदा जाएगा. जब अंडा खरीदा जाएगा तो रेट भी बढ़ेंगे. यही वजह है कि सीजन के दौरान दिसम्बर-जनवरी में जब मलेशिया भारत से अंडे खरीद रहा था तो अंडे के दाम छह रुपये तक पहुंच गए थे. कई बड़ी मंडियों में तो रेट छह रुपये को भी पार कर गए थे. अब तो श्रीलंका भी जमकर अंडों की खरीद कर रहा है. बहुत सारे खाड़ी देशों में पहले से ही अंडा सप्लाई हो रहा है.
पोल्ट्री एक्सपर्ट रविन्द्र संधु ने बताया कि यह कोई पहला मौका नहीं है कि भारत से अंडा एक्सपोर्ट हो रहा है. अरब देशों में भी अंडा एक्सपोर्ट होता है. मलेशिया भी अगर भारत से अंडा खरीदने आया है तो उसकी एक सबसे बड़ी वजह है अंडे का सस्ता होना. क्योंकि हमारे देश में दूसरे देशों के मुकाबले पोल्ट्री फीड सस्ती है. जिन सभी आइटम से फीड बनती है वो सभी हमारे अपने देश में ही होते हैं. किसी भी चीज को हमे इम्पोर्ट नहीं करना पड़ता है. दूसरा यह कि हमारे यहां लेबर सस्ती है. जबकि दूसरे देशों में दोनों ही चीजें महंगी हैं.
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