दुधारू पशुओं की सही देखभाल और पोषण उनके अच्छे स्वास्थ्य और अधिक दूध उत्पादन के लिए बहुत जरूरी होता है. अगर पशुओं को सही मात्रा में संतुलित आहार और साफ पानी दिया जाए, तो वे लंबे समय तक स्वस्थ रह सकते हैं और अच्छा उत्पादन दे सकते हैं. पशुपालक के लिए यह बहुत जरूरी है की वो पशुओं का ध्यान सही तरीके से रखें. नहीं तो इसका असर दूध उत्पादन पर दिखाई दे सकता है.
एक वयस्क दुधारू पशु को प्रतिदिन 4 से 6 किलोग्राम सूखा चारा और 15 से 20 किलोग्राम हरा चारा देना चाहिए. हरे चारे में भी फलीदार और गैर-फलीदार चारे का अनुपात 1:3 होना चाहिए. यह संतुलन पशुओं को आवश्यक प्रोटीन और ऊर्जा प्रदान करता है.
पशुओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए हर समय साफ और ताजा पानी उपलब्ध कराना जरूरी है. पानी की कमी से दूध उत्पादन घट सकता है और पशु बीमार भी हो सकते हैं.
अगर पशु को सिर्फ सूखा चारा मिल रहा है, तो उसे पूरक आहार के रूप में यूरिया मोलासिस खनिज ब्लॉक (UMMB) देना चाहिए. यह ब्लॉक पशु को आवश्यक खनिज और ऊर्जा देता है.
अच्छी गुणवत्ता वाला खनिज मिश्रण पशुओं को प्रतिदिन देना चाहिए. इसकी मात्रा इस प्रकार होनी चाहिए:
पशुओं को एक प्रकार के चारे से दूसरे चारे में बदलते समय सावधानी रखें. यह बदलाव धीरे-धीरे करना चाहिए ताकि पशु का पाचन तंत्र प्रभावित न हो. साथ ही, चारे को कुट्टी करके देना चाहिए ताकि पशु को खाने में आसानी हो.
नवजात बछड़ों या बछियों को जन्म के पहले 24 घंटों के भीतर, उनके शरीर के भार के 10वें भाग के बराबर खीस (कोलोस्ट्रम) जरूर पिलाना चाहिए. इससे उन्हें रोग प्रतिरोधक क्षमता मिलती है.
बढ़ते हुए बछड़े या बछियों को प्रतिदिन 1 से 1.5 किलोग्राम तक कॉफ स्टार्टर या कॉफ ग्रोथ मील देना चाहिए. इससे उनकी अच्छी वृद्धि होती है.
पशु के शरीर के रखरखाव के लिए प्रतिदिन 2 किलोग्राम संतुलित पशु आहार देना चाहिए.
गर्भावस्था के अंतिम दो महीनों में पशु को:
पशुओं को बेहतर पाचन और अधिक पोषण के लिए चारा, पशु आहार और खनिज मिश्रण को मिलाकर 3 से 4 बार में बांटकर खिलाना चाहिए. यह तरीका ज्यादा प्रभावी और स्वास्थ्यवर्धक होता है.
दुधारू पशुओं के लिए संतुलित आहार, सही मात्रा में पानी और समय पर खनिज व पूरक आहार देना अत्यंत जरूरी है. अगर इन सभी बातों का ध्यान रखा जाए, तो न केवल पशु स्वस्थ रहेगा बल्कि दूध उत्पादन में भी वृद्धि होगी.
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