Green Fodder: बरसात में बकरियों को हरा चारा नहीं पेड़ की पत्तियां दें खाने में, होगा ये फायदा

Green Fodder: बरसात में बकरियों को हरा चारा नहीं पेड़ की पत्तियां दें खाने में, होगा ये फायदा

चारा एक्सपर्ट की मानें तो देश में चारे का संकट है. अब तो सालभर ही हरा चारा मिलना मुश्कि‍ल हो जाता है. गाय-भैंस ही नहीं भेड़-बकरियों को भी ठीक से हरा चारा खाने को नहीं मिल पा रहा है. बरसात में हरा चारा होता भी है तो उसे सीधे तौर पर नहीं खि‍ला सकते हैं. साइलेज बनाकर ही उसका इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर सीधे खि‍लाया तो पशु बीमार पड़ जाएंगे. 

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Green Fodder: बरसात में बकरियों को हरा चारा नहीं पेड़ की पत्तियां दें खाने में, होगा ये फायदाकई पेड़ों की हरी पत्त‍ियां बकरियों के लिए दवाई की तरह से हैं. फोटो क्रेडिट-किसान तक

माना जाता है कि सर्दी-गर्मी में हरे चारे की कितनी भी परेशानी रहे, लेकिन बरसात के दिनों में हरा चारा खूब होता है. फसली चारे के साथ-साथ प्राकृतिक रूप से भी पशुओं को हरा चारा खाने को मिल जाता है. लेकिन दिक्कत ये है कि बरसात में होने वाले हरे चारे को सीधे नहीं खि‍लाया जा सकता है. चारा एक्सपर्ट की मानें तो बरसात में होने वाले हरे चारे के चलते पशुओं को कई तरह की बीमारी भी हो जाती हैं. इसीलिए पशुओं को सीधे हरा चारा खि‍लाने के लिए मना किया जाता है. 

लेकिन ऐसा नहीं है कि बरसात के दौरान पशुओं को खि‍लाने के लिए हरा चारा नहीं है. फसली चारे को छोड़कर पशुओं को पेड़ों की पत्ति‍यों का चारा खि‍लाया जा सकता है. खास बात ये है कि पेड़ से मिलने वाला हरा चारा पशुओं के लिए दवाई का काम भी करता है. दूसरा ये कि फसली हरे चारे की तरह से बरसात के दौरान किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. 

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बरसात में खूब खि‍लाएं नीम संग अमरूद और मोरिंगा

चारा एक्सपर्ट डॉ. मोहम्मद आरिफ ने किसान तक को बताया कि बरसात के दौरान भेड़-बकरियों को पेड़ों की पत्ति‍यां खि‍लाना बहुत फायदेमंद रहता है. क्योंकि फसली हरे चारे के मुकाबले पेड़ों की पत्तिैयों में नमी की मात्रा कम होती है. जबकि फसली चारे में ज्यादा नमी के चलते ही पशु डायरिया जैसी बीमारी के शि‍कार हो जाते हैं. ऐसे में भेड़-बकरी पालक अमरूद, नीम और मोरिंगा की पत्तिययां खि‍ला सकते हैं. ये बहुत ही फायदेमंद होती हैं. पेट भरने के साथ ही दवाई का काम भी करती हैं. इसमे टेनिन कांटेंट और प्रोटीन की मात्रा खूब होती है.

अगर बरसात के दौरान वक्त पर हम तीनों पेड़-पौधे की पत्तियां भेड़-बकरियों को खिलाते रहें तो उनके पेट में कीड़े नहीं होंगे. बरसात के दौरान दूषि‍त पानी पीने से भेड़-बकरियों के पेट में कीड़े होना आम बात है. ये बीमारी भेड़-बकरियों की ग्रोथ पर असर डालती है. अगर पेट में कीड़े हैं तो फिर आप भेड़-बकरियों को कितना भी खि‍ला लो वो उनके शरीर पर कोई असर नहीं डालेगा. जो लोग भेड़-बकरियों को फार्म में पालते हैं और स्टाल फीड कराते हैं उन्हें जरूर नीम संग अमरुद और मोरिंगा भेड़-बकरियों को खि‍लाना चाहिए. 

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बकरियों को इस तरह से खि‍लाएं पेड़ों की पत्तियां  

डॉ. मोहम्मद आरिफ का कहना है कि बकरी जमीन पर पड़े चारे के मुकाबले डाल से तोड़कर खाना ज्यादा पसंद करती हैं. इस तरह से ये चारे को बड़े ही चाव से खाती हैं. डॉ आरिफ का कहना है कि जब बकरी इस तरह से चारे को खाती है तो इससे उसकी ग्रोथ भी तेजी से होती है. अगर नीम, अमरूद और मोरिंगा आसानी से उपलब्ध नहीं हो तो भेड़-बकरियों को गूलर और अरडू आदि पेड़ की पत्तियां भी खिला सकते हैं. मोरिंगा का तो तना भी बकरियां बड़े आराम से खाती हैं. 

 

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