डेयरी पशुपालकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. जल्द ही सरकार एक ऐसा काम करने जा रही है जिससे दूध उत्पादन और उसकी खपत दोनों ही बढ़ेंगे. और ये सब मुमकिन होगा डेयरी प्रोडक्ट एक्सपोर्ट से. अभी तक कुछ अड़चन के चलते डेयरी प्रोडक्ट एक्सपोर्ट रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है. इसके पीछे एक सबसे बड़ी वजह है पशुओं की बीमारी खुरपका-मुंहपका (FMD). लेकिन अब सरकार एफएमडी को लेकर एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. इसी तरह का कदम सरकार ने प्रोल्ट्री सेक्टर में भी उठाया है. इसके बाद अंडों का एक्सपोर्ट बढ़ गया है. केन्द्रीय डेयरी और पशुपालन मंत्रालय में आयोजित बैठक के दौरान इस प्लान पर चर्चा की गई है.
मंत्रालय में सचिव अलका उपाध्याय का कहना है कि एफएमडी डिजिज फ्री कंपार्टमेंट जोन बनाकर डेयरी एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए देश के नौ राज्यों के साथ मिलकर काम किया जाएगा. इसके लिए कुछ ऐसे पाइंट भी तैयार किए गए हैं जिनका पालन कर एफएमडी को कंट्रोल किया जाएगा. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो सरकार के इस कदम का असर मीट एक्सपोर्ट पर भी पड़ेगा. क्योंकि यूरोपियन समेत कई ऐसे देश हैं जो भारतीय बफैलो मीट को पसंद तो करते हैं, लेकिन एफएमडी के चलते उसकी खरीद नहीं करते हैं.
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मंत्रालय से जुड़े जानकारों की मानें तो मंत्रालय पोल्ट्री की तरह से ही एफएमडी डिजिज फ्री कंपार्टमेंट जोन बनाने पर काम करेगा. जोन के लिए पशुपालक अपना हलफनामा देंगे कि उनके पशुओं में एफएमडी बीमारी नहीं है. इस पर मंत्रालय भी काम करेगा और फिर उसे वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) को भेजा जाएगा. डब्ल्यूएचओ इसकी जांच करने के बाद उस पर अपनी मुहर लगाएगा. इसके बाद उस एफएमडी डिजिज फ्री कंपार्टमेंट जोन में आने वाले राज्य या फिर शहर और ब्लॉक के पशुपालक अपना दूध उन डेयरी प्लांट को बेच सकेंगे जो एक्सपोर्ट के लिए डेयरी प्रोडक्ट तैयार करते हैं. ऐसा होने के बाद जहां दूध की डिमांड बढ़ेगी तो उसका उत्पादन भी बढ़ेगा. मीटिंग के दौरान NIFMD के निदेशक डॉ. आरपी सिंह भी मौजूद थे.
गौरतलब रहे मंत्रालय ने इसी तरह से देश के अलग-अलग राज्यों में पोल्ट्री के 26 डिजिज फ्री कंपार्टमेंट जोन बनाए हैं. इन्हें डब्ल्यूएचओ से भी मान्यता मिली हुई है. इसका मतलब ये है कि इन 26 इलाकों के पोल्ट्री प्रोडक्ट में वो बीमारियां नहीं हैं जिनके चलते अंडों का एक्सपोर्ट नहीं हो पा रहा था. और अच्छी बात ये है कि ऐसा होने के बाद अंडों के एक्सपोर्ट में तेजी आई है.
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एनिमल हसबेंडरी कमिश्नर अभीजीत मित्रा की मानें तो मंत्रालय ने एफएमडी डिजिज फ्री कंपार्टमेंट जोन बनाने के लिए पहले देश के नौ राज्यों आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तराखंड को चुना है. ये वो राज्य हैं जहां एफएमडी को कंट्रोल करने के लिए तेजी से काम चल रहा है. इसमे ये भी शामिल है कि अब यहां एफएमडी का असरदार अटैक नहीं होता है, यहां एफएमडी का वैक्सीनेशन कार्यक्रम तेजी से चल रहा है. यहां बायो सिक्योरिटी पर काम होता है.
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