
पशुओं को पहनाए जा रहे 'काउ-कोट'उत्तर प्रदेश के कानपुर में सर्दी का असर तेज होने के साथ ही नगर निगम ने गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए विशेष इंतजाम शुरू किए हैं. शहर की गोशालाओं और नंदीशालाओं में पहली बार गायों को काउ-कोट पहनाए गए हैं, साथ ही अलाव और तिरपाल की भी व्यवस्था की गई है. नगर आयुक्त अर्पित उपाध्याय के निर्देश पर गोशालाओं की टीन शेड को तिरपाल से ढका गया है, ताकि ठंडी हवा अंदर न पहुंच सके. इसके अलावा परिसरों में दिन-रात अलाव जलाए जा रहे हैं. नगर निगम के अधीन संचालित कान्हा गौशाला, किशनपुर नंदीशाला, पनकी, जाजमऊ और बकरमंडी गौशाला में निराश्रित गोवंशों को सुरक्षित रखा गया है.
गोशालाओं में गायों को भगवा रंग के काउ-कोट पहनाए गए हैं. बीते तीन दिनों से लगातार बढ़ रही ठंड को देखते हुए रात के समय विशेष रूप से अलाव जलाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि गोवंशों को किसी तरह की परेशानी न हो. अलाव जलाने के लिए लकड़ी के साथ-साथ गोशालाओं में तैयार किए गए गो-काष्ठ का उपयोग भी किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक गोवंश से प्रतिदिन निकलने वाले गोबर से गो-काष्ठ, गौमय दीपक, उपले, कंपोस्ट और वर्मी कंपोस्ट जैसे उत्पाद बनाए जा रहे हैं.

किशनपुर स्थित कान्हा गौशाला में करीब 100 बछड़ों के लिए अलग से काफ शेड बनाया गया है. यहां उनके लिए चारा, पीने का पानी और अलाव की विशेष व्यवस्था की गई है. गोशालाओं में पहले से ही रहने के लिए शेड, चरही और पानी की नाद उपलब्ध हैं. गोवंशों को प्रतिदिन पौष्टिक आहार भी दिया जा रहा है.
सर्दी में बीमार पड़ने वाले गोवंशों की देखरेख के लिए नगर निगम ने पशु चिकित्सकों की भी तैनाती की है. पशुपालन विभाग के डॉ. हरिकांत और डॉ. प्रदीप दीक्षित रोजाना गोवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे और जरूरत पड़ने पर इलाज भी करेंगे. नगर आयुक्त अर्पित उपाध्याय ने साफ कहा है कि गोवंश की देखभाल में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लापरवाही सामने आने पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. (सिमर चावला की रिपोर्ट)
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