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Goat Farming: दूध और ज्यादा बच्चों के लिए इन दो खास नस्ल के बकरे-बकरियों की बढ़ रही डिमांड

Goat Farming: दूध और ज्यादा बच्चों के लिए इन दो खास नस्ल के बकरे-बकरियों की बढ़ रही डिमांड

यूपी की दो खास नस्ल जखराना और जमनापरी को खासतौर पर उत्तर भारत के किसी भी राज्य में पाला जा सकता है. जमनापारी जहां ज्यादा दूध के लिए जानी जाती है तो जखराना ज्यादा बच्चे  देने के लिए. इसके साथ ही इनकी और भी खूबियां हैं. 

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बाजार में जमनापारी और जखराना बकरे-बकरियों की डिमांड बढ़ गई है. फोटो क्रेडिट-किसान तक बाजार में जमनापारी और जखराना बकरे-बकरियों की डिमांड बढ़ गई है. फोटो क्रेडिट-किसान तक

कुछ साल पहले तक ये माना जाता है कि बकरे-बकरी को मीट के लिए पालकर ही मुनाफा कमाया जा सकता है. लेकिन बीते कुछ साल में ही बाजार में बकरी के दूध की डिमांड बढ़ गई है. अब मीट के साथ-साथ पशुपालक दूध के लिए भी बकरी पालन कर रहे हैं. यही वजह है कि अब बकरियों की उन खास नस्ल पर ज्यादा बात हो रही है जो ज्यादा दूध और ज्यादा बच्चे देती है. गोट एक्सपर्ट की मानें तो इसके चलते ही बकरियों की दो खास नस्ल जमनापारी और जखराना की डिमांड बढ़ रही है. 

हालांकि ज्यादा दूध के मामले में बीटल नस्ल की बकरी का नाम आता है, लेकिन पंजाब की ये खास नस्ल पंजाब के बाद हरियाणा तक ही अच्छे से पल जाती है, लेकिन दूसरी किसी और राज्य में इसका पालन बहुत ही मुश्किल है. 

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इसलिए जाने जाते हैं जमनापारी बकरे-बकरी

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के सीनियर साइंटिस्ट और जमनापारी नस्ल के एक्सपर्ट डॉ. एमके सिंह ने किसान तक को बताया कि दूसरे देश भारत से जमनापारी नस्ल के बकरों की डिमांड अपने यहां कि बकरियों की नस्ल सुधार के लिए करते हैं. क्योंकि जमनापारी नस्ल की बकरी रोजाना चार से पांच लीटर तक दूध देती है. इसका दुग्ध काल 175 से 200 दिन का होता है. एक दुग्ध काल में 500 लीटर तक दूध देती है. इस नस्ल में दो बच्चे देने का रेट 50 फीसद तक है. इस नस्ल का वजन रोजाना 120 से 125 ग्राम तक बढ़ता है. शारीरिक बनावट और सफेद रंग का होने के चलते इनकी खूबसूरती देखते ही बनती है. इसीलिए ईद पर भी इनकी खासी डिमांड रहती है.  

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जखराना के बारे में तो साइंटिस्ट भी करते हैं दावा 

सीआईआरजी के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. गोपाल दास का कहना है कि बकरी की पहचान उसके दूध, मीट और बच्चे देने की क्षमता से आंकी जाती है. जखराना एक ऐसी नस्ल है जिसके बकरे और बकरी 25 से 30 किलो वजन तक पर आ जाते हैं. इसके अलावा इस नस्ल की बकरी रोजाना एक से डेढ़ लीटर तक दूध देती है. सीआईआरजी खुद जखराना के दूध को रिकॉर्ड कर चुका है. एक बकरी ने 90 दिन में 172 लीटर दूध दिया था. यह नस्ल एक यील्ड में पांच महीने तक दूध देती है. अब रहा सवाल बच्चे देने की क्षमता के बारे में तो 60 फीसद जखराना बकरी दो या तीन बच्चे‍ तक देती हैं. किसी और दूसरी नस्ल की बकरी में यह तीनों खूबी एक साथ नहीं मिलेंगी.