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Cattle Disease: 6 साल में जड़ से समाप्त होगा खुरपका-मुंहपका रोग, पीएम ने कहा-  पशुधन रक्षा का लिया संकल्प

Cattle Disease: 6 साल में जड़ से समाप्त होगा खुरपका-मुंहपका रोग, पीएम ने कहा-  पशुधन रक्षा का लिया संकल्प

पशुओं में तेजी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) बेहद घातक है. पीएम मोदी ने बिहार में रैली में कहा कि हमने पशुधन रक्षा का संकल्प लिया है और उनकी सरकार इस बीमारी से निजात दिलाने के लिए टीकाकरण अभियान चला रही है. बिहार में मवेशियों को 2 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं.

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खुरपका-मुंहपका रोग 6 साल में जड़ से समाप्त होगा. खुरपका-मुंहपका रोग 6 साल में जड़ से समाप्त होगा.

पशुओं में तेजी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) बेहद घातक है. कई बार इस बीमारी से पशुओं की मौत भी हो जाती है, जबकि दुधारू पशुओं की उत्पादन मात्रा घट जाती है. अगर यह बीमारी गर्भाधान प्रक्रिया से गुजर रहे जानवर को हो जाती है तो अजन्मे शिशु पर खतरा रहता है. भारत में पशुओं के लिए बड़ी समस्या बनी इस बीमारी को अगले 6 साल में जड़ से खत्म करने पर तेजी से काम किया जा रहा है. पीएम मोदी ने 4 अप्रैल को बिहार के जमुई में रैली में कहा कि हमने पशुधन रक्षा का संकल्प लिया है और उनकी सरकार इस बीमारी से निजात दिलाने के लिए टीकाकरण अभियान चला रही है. 

पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार के जमुई में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार इंसानों की सेवा तो कर ही रही है, हमने पशुधन की भी रक्षा करने का तय किया है. केंद्र सरकार ने बिहार के करीब 2 करोड़ पशुओं को खुरपका-मुंहपका बीमारियों से बचाने के लिए मुफ्त में टीकाकरण का अभियान चलाया है. मोदी पशुओं को भी टीका मुफ्त में लगा रहा है.

खुरपका-मुंहपका 2030 तक खत्म करने का प्लान 

इससे पहले पीएम मोदी ने फरवरी में गुजरात में एक कार्यक्रम में खुरपका-मुंहपका रोग के कारण मवेशियों को होने वाली कठिनाइयों और पशुपालकों को होने वाले हजारों करोड़ रुपये के भारी नुकसान पर अंकुश लगाने के सरकार के प्रयास के बारे में बताया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि 15,000 करोड़ रुपये की लागत से खुरपका-मुंहपका की रोकथाम के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के तहत फरवरी तक 7 करोड़ से अधिक टीकाकरण किया जा चुका है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम 2030 तक खुरपका-मुंहपका रोग को जड़ से मिटाने के लिए काम कर रहे हैं.

देशभर में 24 करोड़ मवेशियों को लगा टीका

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि खुरपका और मुंहपका रोग टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण में पूरे देश में मार्च 2023 तक अबतक 25 करोड़ से अधिक मवेशियों की टारगेट आबादी में से लगभग 24 करोड़ मवेशियों और भैंसों को कवर किया गया है. यानी 95 प्रतिशत से ज्यादा कवरेज हासिल कर लिया गया है. बता दें कि इस बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए साल 2019 में मंत्रालय ने राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) की शुरुआत की थी. 

खुरपका और मुंहपका बीमारी 

  1. भारत में खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी) पशुधन की एक प्रमुख बीमारी है. 
  2. इस बीमारी संक्रमित मवेशियों का दूध उत्पादन कम हो जाता है. 
  3. इससे ग्रसित पशु के मुंह में फफोले पड़ जाते हैं और बुखार आने लगता है.
  4. कुछ पशुओं के पैरों के खुरों के बीच संक्रमण हो जाता है. 
  5. यह रोग स्वस्थ पशु के बीमार पशु के सीधे संपर्क में आने से फैलता है.
  6. संक्रामक रोग होने की वजह से यह हवा के संपर्क में आने पर भी फैलता है.
  7. रोग के विषाणु बीमार पशु की लार, मुंह, खुर थन में पड़े फफोलों में अधिक संख्या में पाए जाते हैं.

मवेशी को बचाने के लिए क्या करें किसान 

  • पशुओं को खुरपका और मुंहपका बीमारी से बचाने के लिए संक्रमित पशुओं से दूर रखना चाहिए.
  • बचाव के लिए 3 माह के ऊपर के सभी पशुओं को वर्ष में एक बार टीकाकरण कराया जाना चाहिए. 
  • यह रोग पशुओं को बरसात में अधिक होता है, इस दौरान खास सतर्कता की जरूरत होती है. 
  • इस बीमारी से ग्रसित पशु के इलाज के लिए पशु चिकित्सक से तुरंत सलाह लेनी चाहिए. 

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