Monsoon Disease: बरसात में लंपी-एफएमडी ही नहीं ये बीमारी भी कम कर देती है पशुओं का उत्पादन Monsoon Disease: बरसात में लंपी-एफएमडी ही नहीं ये बीमारी भी कम कर देती है पशुओं का उत्पादन
Animal Disease in Monsoon दूध और मीट का उत्पादन करने वाला पशु छोटा हो या बड़ा बरसाती बीमारी सभी को परेशान करती है. खासतौर से बरसात के मौसम में पेट के कीड़ों की परेशानी. कई बार दूषित चारा और दूषित पानी पीने के चलते छोटे-बड़े सभी पशु इसकी चपेट में आ जाते हैं.
गर्मी में पशुओं का कैसे रखें खयालनासिर हुसैन - New Delhi,
- Aug 26, 2025,
- Updated Aug 26, 2025, 12:39 PM IST
Animal Disease in Monsoon बिहार और पूर्व उत्तर प्रदेश में लंपी का असर देखने को मिल रहा है. वहीं पश्चि मी यूपी में खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) का भी असर देखने को मिल रहा है. पशुपालक बरसात के दिनों में खासतौर पर इन दोनों ही बीमारियों को लेकर बहुत डरे हुए रहते हैं. लेकिन एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो एक और बीमारी है जो लंपी और एफएमडी की तरह से ही पशुओं और पशुपालकों को नुकसान पहुंचाती है. इस बीमारी के चलते जहां दूध-मीट का उत्पादन कम हो जाता है, वहीं पशुओं के प्रजनन पर भी इसका गहरा असर पड़ता है.
पशुओं के पेट में कीड़े हैं कैसे पता चलेगा
- पशु साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह ने पशुओं के पेट में कीड़ों से जुड़ी कुछ बातें बताई हैं.
- जब गाय-भैंस के पेट में कीड़े होते हैं तो उन्हें खुलकर भूख लगती है.
- ऐसे में गाय-भैंस ही नहीं भेड़-बकरी भी सामान्य खुराक से ज्यादा चारा खाते हैं.
- वो जितना भी चारा खाते हैं तो उसका एक बड़ा हिस्सा पेट के कीड़े खा जाते हैं.
- खूब खाने के बाद भी पशु का दूध उत्पादन घट जाता है.
- पेट में कीड़े होने पर पशु सुस्त अनबना सा रहने लगता है.
- पेट के कीड़ों की बीमारी के चलते कभी-कभी पशु की मौत भी हो जाती है.
पशुओं के पेट में कीड़े होने पर क्या करना चाहिए
- जैसे ही पशुओं में लक्षण दिखें तो उसे फौरन ही डॉक्टर को दिखाएं.
- बरसात शुरू होने से पहले ही पशुओं को पेट के कीड़ों की दवा खिलवा दें.
- सभी पशु स्वास्य्य केन्द्रों में ये दवाई फ्री खिलाई जाती है.
- पशुओं के हरे चारे में ही बहुत सारी बीमारियों का इलाज है.
- बरसात के मौसम में नीम, अमरुद, जामुन की पत्तियां पशुओं को खिलाएं.
- पेट के कीड़े के मामले में पेड़ों के ये पत्ते बहुत ही अच्छी दवा मानें जाते हैं.
- यह वो पेड़-पौधे हैं जिसमे दवाईयों के गुण भी हैं.
निष्कर्ष-
जब पशु खेत या मैदान में चरने जाए तो वहां भी इस बात का ख्याल रखने की जरूरत है कि हमारा पशु यहां-वहां भरे बरसाती पानी को न पिए. इसके साथ ही पशु के बाड़े में भी इस बात का खास ख्याल रखा जाए कि पशु के आसपास की जगह सूखी और साफ-सुथरी रहे.
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